केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सरकार द्वारा किसान आंदोलन के विपरीत किसान सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हित में बता रहे हैं।

भाजपा शासित राज्यों में पार्टी के छोटे-बड़े नेता किसान सम्मेलन में किसानों कृषि कानूनों के फायदे समझाने का दावा कर रहे हैं। इस मामले में विपक्षी पार्टी का लगातार भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रही है।

कड़ाके की ठंड में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों के पक्ष में बयान दे रहे हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पीएम मोदी और पूंजीपतियों की सांठ-गाँठ पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

इस मामले में पंजाब से कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा है कि “राजा इतना भी फकीर मत सुनो कि कोई भी व्यापारी उसे अपनी जेब में रख लें।”

इससे पहले भी कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू पीएम मोदी को अंबानी और अडानी के हाथ की कठपुतली बता चुके हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि इन तीनों कृषि कानूनों को मोदी सरकार सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर आई है। इनसे देश के किसानों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी और देश में किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा चुनाव प्रचार में खुद को किसान हितेषी बताती है। पीएम मोदी ने तो खास तौर पर यह कहा था कि उनके शासनकाल में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। कोई भी किसान आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं होगा।

इसके साथ ही उन्होंने किसानों के कर्ज भी माफ करने की बात कही है। लेकिन इसके विपरीत आज किसान सड़कों पर उतर कर भाजपा और पूंजीपतियों के खिलाफ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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