2002 गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले सभी 11 सज़ायाफ्ता कैदियों को वहां की सरकार ने 15 अगस्त को क्षमा निति के तहत रिहा कर दिया है।
दंगे के दौरान पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया और उनकी तीन साल की बच्ची और परिवार के 14 अन्य सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गयी थी।
गुजरात सरकार द्वारा माफ़ी निति के तहत रिहा हुए सभी 11 दोषियों को वहां के भाजपा विधायक द्वारा उन्हें ‘संस्कारी ब्राह्मण’ कहकर समर्थन किया गया है।
गोधरा से भाजपा विधायक सीके राउलजी ने बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई पर उनका स्वागत किया और कहा- वो ब्राह्मण हैं और उनके अच्छे संस्कार हैं।
भाजपा विधायक द्वारा दोषियों के समर्थन में किए गए बेहूदा टिप्पणी को लेकर निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा- यह गन्दी मानसिकता वाली सोंच है। जिसका मैं समर्थन नहीं करती।
आशा देवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा- “दोषी कैदी ब्राह्मण थे तो उन्होंने रेप क्यों किया? एक तीन साल की बच्ची के साथ साथ 14 लोगों की हत्याएं क्यों की, अगर ये अपराधी ब्राह्मण थे और इनके संस्कार अच्छे थे तो ये ज़ेल में सज़ा क्यों काट रहे थे?”
निर्भया की माँ आशा देवी ने आगे कहा -“दोषियों की रिहाई पर जो लोग आज फूल-माला, मिठाई खिलाकर उनका स्वागत कर रहे हैं। ये बहुत शर्मसार करने वाली बात है। भाजपा विधायक द्वारा दोषियों को ब्राह्मण बताकर उनका समर्थन करना, इनकी महिलाओं को लेकर बुरी मानसिकता को दर्शाता है। जिसे कहीं से भी स्वीकार नहीं किया सकता है।”
आपको बता दें कि बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई 15 अगस्त को हुई थी। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की महिलाओं की रक्षा, और सम्मान की कसीदे पढ़ रहे थे।
गुजरात सरकार के इस बेतुके फैसले पर की आलोचना ना सिर्फ विपक्ष कर रहा है बल्कि तमाम सामाजिक संगठन और कार्यकर्ता कर रहे हैं। उनका आरोप है कि भाजपा देश की महिलाओं के साथ नहीं, उनके बलात्कारियों के साथ है।