केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार खुद को किसानों और गरीबों का हितेषी बताती है। लेकिन भाजपा के राज में सबसे ज्यादा विकास देश के उन अमीर पूंजीपतियों का हो रहा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं।

इस लिस्ट में सबसे ऊपर जिन दो बड़े पूंजीपतियों का नाम आता है। वह है मुकेश अंबानी और गौतम अडानी। साल 2014 के बाद से ही इन दो बड़े पूंजीपतियों की खूब चांदी हो रही है।

इस कड़ी में बड़ी खबर सामने आई है कि अडानी ग्रुप ने देश के दूसरे सबसे बड़े एयरपोर्ट का भी अधिग्रहण कर लिया है। यह एयरपोर्ट महाराष्ट्र का मुंबई एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 12 जनवरी को ही इस के अधिग्रहण को मंजूरी दी है।

बताया जाता है कि अहमदाबाद के अडानी ग्रुप में देश के 6 सबसे बड़े एयरपोर्ट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई।

अडानी ग्रुप को जब मोदी सरकार ने एयरपोर्ट से देने की मंजूरी दी तो वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने सरकार के इस फैसले पर सवाल भी उठाए थे। लेकिन सरकार इसके विपरीत अपने फैसले पर बनी रही।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एनडीए सरकार के सबसे बड़े प्राइवेटाइजेशन प्रोग्राम के तहत अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के लिए बोलियों को आमंत्रित किया गया था।

जिसपर वित्त मंत्रालय ने कहा था कि 6 एयरपोर्ट हाईली कैपिटल इंटेंसिव है। एक ही कंपनी को दो से ज्यादा एयरपोर्ट का अधिग्रहण नहीं दिया जाना चाहिए।

वित्त मंत्रालय ने इस मामले में एक नोट जारी किया था। वित्त मंत्रालय के नोट पर नीति आयोग ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि पब्लिक प्राइवेट पार्नरशिप अप्रेजल कमिटी का मेमो सरकार की नीति के खिलाफ है।

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