ऐसे वक्त में जब पूरे देश भर में पेट्रोल डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है और ये आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है।

तब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा होने से लोग परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है।

गड़करी ने कहा कि जिस तरह से पेट्रोल के भाव लगातार बढ़ रहे हैं, वैसे में लोगों को ईंधन के दूसरे विकल्पों पर भी गौर करना चाहिए।

गड़करी नागपुर में एक एलएनजी फिलिंग स्टेशन के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। वहां पर गड़करी ने कहा कि जिस तरह से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लोगों को परेशान कर रही हैं, वैसे में हमें वैकल्पिक ईंधन के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की दिशा में काम करना होगा।

गड़करी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग गुस्सा भी कर रहे हैं और परेशान भी हैं। इसी परेशानी की वजह से लोग आंदोलन पर उतर आए हैं।

गड़करी ने कहा कि विदेशों से पेट्रोल और डीजल खरीदने की वजह से देश की इकोनाॅमी प्रभावित हो रही है। हमारी इकोनाॅमी पर अच्छा खासा बोझ बढ़ता जा रहा है।

गड़करी ने आंकड़े स्पष्ट करते हुए कहा कि इन दिनों हम लोग दूसरे देशों से 08 लाख करोड़ रुपये का पेट्रोल और डीजल खरीद रहे हैं। इससे हमारी इकोनाॅमी पर असर पड़ रहा है।

खुद को राष्ट्रवादी बताते हुए गड़करी ने कहा कि एक राष्ट्रवादी होने की नाते मेरी यह इच्छा है कि हमारा निर्यात और ज्यादा बढ़ना चाहिए तथा आयात कम होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि अब हम जल्द ही पेट्रोल पंपों पर एथेनाॅल की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। एथेनाॅल पेट्रोल और डीजल से भी कम रेट पर उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि वाहन के ईंधन के रुप में एथेनाॅल का प्रयोग करने से प्रति लीटर 20 रुपये तक की बचत हो सकेगी।

गड़करी ने बताया कि आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि एक पारंपरिक ट्रक के इंजन को एलएनजी इंजन में बदलने की लागत औसतन 10 लाख रुपये आती है।

वहीं एक ट्रक एक महीने में 98 हजार किलोमीटर चलता है. इस तरह से एलएनजी में बदलने के बाद सिर्फ 09 से 10 महीनों के भीतर एक ट्रक से 11 लाख रुपये की बचत हो जाएगी।

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