कोई एक थप्पड़ मारता है तो दूसरा गाल कर देने के विपरीत यदि शांति भंग हो रही है तो व्यक्ति के सीने पर चढ़कर इतना प्रहार करें कि उसे मौत के घाट उतार दें अब आप चौक गए होंगे !
तो चौकिए नहीं जी हां मामला है असम का, सूत्रों के हवालों से खबर है कि असम सरकार इस मामले में झुकने नहीं वाली है.
सरकार का दावा है कि 3000 परिवारों ने 25 हजार एकड़ जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है. इसके अलावा एक पांच हजार साल पुराना मंदिर भी था, जिस पर अतिक्रमण कर लिया गया.
सरकार की माने तो उन लोगों को दो एकड़ तक जमीन दी जा सकती है, जिनके पास खुद की कोई जमीन नहीं है. लेकिन स्थानीय लोग उस ऑफर से संतुष्ट नहीं थे.
सरकार ने ये भी बताया है कि पहले लोगों को काफी शांति से हटाया जा रहा था, लेकिन गुरुवार को भीड़ हिंसक हो गई और ये विवाद खड़ा हो गया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार दिलीप मंडल लिखते हैं “हमारे प्रिय राष्ट्र के लिए शर्म का क्षण! युद्ध में दुश्मन देश के सैनिकों की लाश पर भी ऐसा नाच नहीं किया जाता। अफ़सोस कि यह प्रशासन की मौजूदगी में हुआ।
जो शख़्स मर गया उसे गिरफ़्तार करने या कमर से नीचे गोली मारने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं हुआ। इससे भारत का शौर्य कम हुआ है।”
दरअसल असम के दरांग जिले के सिपाझार में गुरुवार को पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने की कोशिश के दौरान गोलियां चलाईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।
पुलिस के साथ हुई झड़पों में करीब 20 लोग घायल हो गए।
इस घटना का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें छाती पर गोली के घाव के निशान वाले एक व्यक्ति को कैमरा लिए व्यक्ति पीटता हुआ दिखाई दे रहा है।
राज्य सरकार ने इस घटना को लेकर जनता के बढ़ते गुस्से के मद्देनजर घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की है।
इधर असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा, ‘जब से हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से हर काम में लगभग पुलिस को बहुत ताकत दी गई है और पुलिस भी हर स्थिति से निपटने के लिए गोलियों का सहारा ले रही है, जो नागरिकों के लिए चिंता का विषय है.’
उन्होंने कहा कि पुलिस चाहती तो लोगों को पकड़ कर ले जा सकती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि किसी को भी गोली मारो.
उन्होंने कहा, ‘दरांग के एसपी मुख्यमंत्री के भाई हैं. बड़ा भाई सीएम है, छोटा भाई एसपी है तो क्या जिसे चाहेंगे उसे गोली मारेंगे. हम ऐसा नहीं होने देंगे.’
उनके अलावा राहुल गांधी ने भी इस घटना की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है. मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है.