नोबेल पुरस्कार विजेता और दुनिया भर में प्रख्यात, जाने-माने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भारत की वर्तमान स्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुए तमाम टिप्पणियां की हैं।

जिसमें उन्होंने लोकतंत्र के अवसान पर चिंता जताते हुए कहा है कि भारत का लोकतंत्र गर्त में जा रहा है।

न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा- चाहे सम्राट अशोक का कार्यकाल रहा हो या फिर मुगल शासक अकबर का, सभी ने सलाह मशविरा पर अपनी सरकार चलाई है। यानी भारत में सदियों से समावेशी सरकार चलाने की परंपरा रही है। मगर अब ये सब बदल रहा है।

अमर्त्य सेन ने वर्तमान सरकार में बनी परिस्थितियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र अब गर्त में जा रहा है।

इसके साथ ही अमर्त्य सेन ने इस बात को स्पष्ट किया कि भारत के लोकतंत्र को लेकर उनकी चिंता एक भारतीय के तौर पर है, वो विशुद्ध रूप से एक भारतीय हैं, भले ही अमेरिका में पढ़ाते हैं।

दरअसल पिछले कुछ सालों में भारत में लोकतंत्र के दमन के तमाम कोशिशों के आरोप मोदी सरकार पर लगते रहे हैं। चाहे वो शिक्षक वर्ग हो, सामाजिक कार्यकर्ता हों या फिर किसान-नौजवान, सभी ने बार बार मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि लोकतंत्र का दमन किया जा रहा है।

अब विश्वविख्यात अर्थशास्त्री की इस तरह की टिप्पणी ऐसे आरोपों को और पुख्ता करती है।

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