देश में मोदी सरकार के कार्यकाल में अच्छे दिन के इंतज़ार करते हुए लोगों के दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं।

छात्रों से लेकर बेरोज़गार युवाओं को मोदी सरकार ने पहले ही सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया था। अब किसानों के बाद नर्सों और डॉक्टरों ने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बीते बीस दिनों से दिल्ली में किसान संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है। किसान भाजपा द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।

उनका कहना है कि सरकार इन कृषि कानूनों को अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई है।

अब खबर सामने आ रही है कि दिल्ली में स्थित एम्स के नर्स यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

एम्स नर्स यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि हम सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। हमने एक महीने पहले हड़ताल का नोटिस दिया था। लेकिन हमारी मांगों को नहीं सुना गया।

हम जानते हैं कि हमारी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन बीते एक महीने से हमारी बात नहीं सुनी गई है। इसलिए हम असहाय हैं। बताया जा रहा है कि नर्स यूनियन ने एम्स प्रशासन और सरकार के समक्ष 23 मांगे रखी थी।

नर्स यूनियन द्वारा किए जा रहे विरोध की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसे शेयर करते हुए कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने भाजपा पर निशाना साधा है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “किसानों से लेकर नर्स…सभी को अपने हक़-हकूक के लिए लड़ना पड़ रहा है। किसी की आवाज़, किसी का दर्द इस कुटिल सरकार को सुनाई नहीं दे रहा क्या? अब इन्हें भी कहीं terrorist ना बता दें!”

गौरतलब है कि मोदी सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की छवि खराब करने और आंदोलन में खलल डालने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा खालिस्तानी और आतंकी करार दिया जा रहा है।

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