बीस दिन पहले जब पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी। तो भारतीय जनता पार्टी ने इसे रोकने की हर संभव कोशिश की। लेकिन देश के मजबूत किसानों के आगे सरकार के आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज काम नहीं कर पाए।

आज दिल्ली के साथ लगती सीमा पर किसान आंदोलन जोरों शोरों से चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी किसान आंदोलन को रोकने में असमर्थ हो गई। तो जानबूझकर इसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

कभी किसान आंदोलन को पाकिस्तान और चीन द्वारा प्रायोजित बताया जा रहा है। तो कभी किसान प्रदर्शनकारियों को खालिस्तानी और आतंकी कहा जाता है।

बीते दिनों भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बयान दिया कि किसान आंदोलन का सीधा फायदा कथित टुकड़े टुकड़े गैंग द्वारा उठाया जा रहा है।

यहाँ पर भाजपा नेता ”टुकड़े-टुकड़े गैंग” देश के वामपंथी नेताओं को बताते हैं। जो मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध करते हैं।

इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भाजपा नेताओं और गोदी मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “अदानी और अंबानी के टुकड़ों पर पलने वाले लोग, आज हमारे किसानों को टुकड़े-टुकड़े गैंग कह रहे हैं!”

इस मामले में भाजपा विपक्षी दलों के निशाने पर भी है। विपक्षी दलों का कहना है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान देश के चुनिंदा पूंजीपतियों द्वारा भाजपा को भारी मात्रा में चंदा दिया गया था।

इस पैसे को भाजपा ने बढ़-चढ़कर चुनाव प्रचार के लिए खर्च किया है। जिसके लिए आज भाजपा देश को उनके हाथों बेचने पर तुली हुई है।

इसके चलते ही आज देश के किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं और मोदी सरकार के साथ-साथ देश के पूंजी पतियों अंबानी और अडानी का भी जमकर विरोध कर रहे हैं।

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