नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का समर्थन मिला है। इससे पहले कई ग्लोबल सेलिब्रिटीज़ ने किसानों के हक़ में अपनी आवाज़ बुलंद की थी।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भारत सरकार से अपील की है कि किसान आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए। साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति अधिकतम संयम बरता जाए।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने शुक्रवार को ट्विटर के ज़रिए कहा कि शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकारों की ‘ऑनलाइन एवं ऑफलाइन’ हिफाजत की जानी चाहिए।

ओएचसीएचआर ने ट्वीट कर लिखा, “भारत: हम प्राधिकारों एवं प्रदर्शनकारियों से किसान आंदोलन के प्रति अधिकतम संयम बरतने का आह्वान करते हैं”।

ट्वीट में आगे लिखा, “शांतिपूर्ण एकत्र होने एवं अभिव्यक्ति के अधिकार की दोनों, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, ही तरह से हिफाजत की जानी चाहिए। यह जरूरी है कि सभी के मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए न्यायसंगत समाधान तलाशा जाए”।

बता दें कि ये पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र ने भारत में बीते दो महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को लेकर कुछ कहा है।

माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र का ये बयान किसान आंदोलन को लकेर किए गए कई ग्लोबल सेलिब्रिटीज़ के ट्वीट के मद्देनज़र आया है।

दरअसल, हाल ही में दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियों ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए थे और प्रदर्शनकारी किसानों को अपना समर्थन दिया था।

जिसके बाद भारत सरकार ने किसान आंदोलन को आंतरिक मामला बताते हुए इन विदेशी हस्तियों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया।

केंद्र सरकार ने इन विदेशी हस्तियों के ख़िलाफ़ ट्विटर पर मुहिम शुरु की। जिसमें भारत के कई कलाकारों ने भी हिस्सा लेते हुए विदेशी हस्तियों के ख़िलाफ हमला बोलना शुरु कर दिया। माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र ने इसी हमले के मद्देनज़र ये बयान जारी किया है।

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