भाजपा शासित त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ बीते दिनों महाराष्ट्र के अमरावती समेत नांदेड़ और मालेगांव में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओ और नेताओं द्वारा बंद किया गया था।

इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिम इलाकों में पथराव और आगजनी की गई। खास तौर पर मुसलमानों की कई दुकानों को जला दिया गया।

इस मामले में दुकानदारों की शिकायत पर मामला भी दर्ज किया जा चुका है। जिसके बाद भाजपा नेता अनिल बोंडे समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है।

इस हिंसा के पीछे हिंदूवादी संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद का हाथ था। बताया जाता है जिन्होंने अमरावती के राजकमल चौक पर 6000 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ में विरोध प्रदर्शन किया था।

बताया जाता है कि इस हिंसा के दौरान जिन दुकानों को भाजपा कार्यकर्ता और हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा नुकसान पहुंचाया गया है, उनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं। इनमें से कई दुकानदार ऐसे हैं जिन्हें लाखों का नुकसान हुआ है।

इस तरह की आपराधिक करतूत के बावजूद मीडिया का एक धड़ा बीजेपी नेताओं के बचाव में दुष्प्रचार करने में लगा हुआ है।

प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑप्इंडिया और नफरत फैलाने वाले चैनल सुदर्शन टीवी पर अमरावती की घटना की तस्वीर शेयर करके दावा किया गया कि वहां पर हिंदुओं की दुकान जलाई गई है।

जबकि उसी तस्वीर के पूरे प्रेम को सामने रखने पर स्पष्ट हो जा रहा है कि दुकान का नाम खान इलेक्ट्रॉनिक्स है।

ऑप्इंडिया और सुदर्शन टीवी के इस दावे को फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने फर्जी बताया है।

इसके साथ ही ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबेर ने ट्विटर पर लिखा- “दक्षिणपंथी प्रोपेगेंडा चलाने वाली वेबसाइट ने बड़ी सावधानी से तस्वीर को एडिट किया और खान इलेक्ट्रॉनिक्स का नाम छुपा दिया।

यही काम सुदर्शन टीवी ने भी किया। इन्होंने न्यूज़ 18 को तस्वीर का क्रेडिट दिया मगर ये नहीं बताया कि उसकी खबर में साफ-साफ लिखा है- भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद में ही ये तोड़फोड़ की गई है।”

जानें क्या है अमरावती मामला-

बीते दिनों त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ रजा एकेडमी द्वारा बिना अनुमति के कई जगहों पर रैलियां निकालकर विरोध किया गया था।

जिसके बाद से ही महाराष्ट्र के अमरावती में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद का ऐलान किया था।

इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा को अंजाम दिया गया। जिसके बाद से इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं भी बंद रखी गई। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

अमरावती शहर में सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के संबंध में अब तक 26 अलग-अलग अपराधों में 14 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।

पुलिस द्वारा तनावग्रस्त इलाकों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है।

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