देश के किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर तनातनी पूरे जोरों शोरों से चल रही है।

बीते 2 दिनों से किसानों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान संगठनों द्वारा जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ शुरू की गई है।

किसान संगठनों द्वारा जंतर मंतर पर शुरू की गई ‘किसान संसद’ का भाजपा नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।

कुछ भाजपा नेता किसानों के बारे अजीबोगरीब बयानबाजी करते आए हैं। इस कड़ी में भाजपा नेता और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को ‘मवाली’ करार दिया है।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि यह लोग किसान नहीं बल्कि गुंडे हैं।

26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक अपराधिक गतिविधियां थी। भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दिए गए इस बयान पर उन्हें विपक्षी नेताओं और किसान संगठनों द्वारा घेरा जा रहा है।

इस मामले में जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि

भारत कृषि प्रधान देश होता तो किसानों को मवाली कहने वाली जेल में डाली जाती! अब तो यह अडानी-अंबानी प्रधान देश है। जहां उनकी दलाली करने वाले देश के प्रधान हैं।”

गौरतलब है कि बीते साल से शुरू हुए किसान आंदोलन में अब तक कई किसान मर चुके हैं। कई किसान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए हैं।

खुद को किसान हितेषी बताने वाली मोदी सरकार बीते 8 महीनों से किसानों को मरते हुए चुपचाप देख रही है।

आपको बता दें कि कांग्रेस ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दिए गए इस बयान को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की है।

विवाद बढ़ता देख भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा अपने बयान पर सफाई दी गई है। उन्होंने कहा है कि अगर मेरे बयान से किसी भी शख्स को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।

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