कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आम खाने की पंसद पर एक बयान दे दिया। राहुल गांधी ने एक जगह यह कह दिया कि मुझे आंध्र प्रदेश का आम अच्छा लगता है। मुझे यूपी का आम पंसद नहीं।

राहुल ने कहा कि लंगड़ा आम फिर भी ठीक है लेकिन दशहरी मेरे लिए कुछ ज्यादा ही मीठा है। अब देश भर की मीडिया कल से ही यही खबर चला रही है कि राहुल गांधी को यहां का आम पंसद है, वहां का पसंद नहीं।

हद तो तब हो गई जब राहुल गांधी की आम के पसंद और नापंसद के बहाने मीडिया ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच लड़ाई लगाना शुरु कर दिया।

सरकार भक्त चैनल सुबह से यही कहानी लेकर बैठे हैं कि आखिर राहुल गांधी को उत्तर भारत के आम नापंसद क्यों हैं?

ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जैसे राहुल गांधी ने दक्षिण भारत और आंध्र प्रदेश के आमों की तारीफ न करके पाकिस्तान के आम की तारीफ कर दी हो!

न्यूज चैनलों को खोलकर देखें तो बाकी सारे मुद्दे गौण हो चुके हैं, राहुल गांधी का आम खाना सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है।

वरिष्ठ पत्रकार साक्षी जोशी ने इस मुद्दे पर गोदी मीडिया की जमकर खिंचाई की है और न्यूज लाॅन्ड्री का एक पोस्ट ट्वीट किया है, जिसमें यह बताया गया है कि किस न्यूज चैनल को यूपी की योगी सरकार की ओर से कितने का विज्ञापन दिया जाता है।

साक्षी जोशी ने लिखा है कि इतना पैसा जब योगी से मिल रहा है तो राहुल गांधी ने यूपी के आम का किया अपमान जैसी खबरें ही न चलाई जाएंगी ! साक्षी ने भारतीय मीडिया को इजरायल परस्त देश विरोधी मीडिया करार दिया है।

साक्षी ने आगे कहा कि ये मीडिया वाले अपनी खिल्ली अपने आप ही उड़वा रहे हैं।

साक्षी ने न्यूज चैनलों को दिए गए पैसों के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि देख लीजिए, जब कोविड के दौरान यूपी के लोग कराह रहे थे, तब योगी आदित्यनाथ इन चैनलांें पर पैसा बरसा रहे थे।

न्यूज लाॅन्ड्री के आंकड़ों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने योगी सरकार ने एक साल में न्यूज चैनलों पर 160 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि खर्च की है।

इसमें सबसे ज्यादा लाभ नेटवर्क 18 ग्रुप हुआ है। यूपी की योगी सरकार ने नेटवर्क 18 ग्रुप को 28.82 करोड़ रुपये विज्ञापन के नाम पर दिए है जबकि दूसरे स्थान पर जी मीडिया ग्रुप है। जी मीडिया को 23.48 करोड़ रुपये योगी सरकार द्वारा एक साल में विज्ञापन के तौर पर दिए गए हैं।

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