पंजाब और हरियाणा के किसानों को अन्य राज्यों के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है। जहाँ कई विपक्षी दलों ने भी किसानों को इस आंदोलन पर डटे रहने के लिए प्रोत्साहित किया है।
वहीं भाजपा के कई नेताओं ने इस मामले में किसानों के बारे में कई आपत्तिजनक बयान जारी कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है।
इसी बीच एक जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव भी कल प्रदर्शन कर रहे किसानों को समर्थन देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे।
विपक्षी नेता पप्पू यादव ने मोदी सरकार के कृषि कानून को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि वह किसानों के लिए अपनी जान तक न्योछावर करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाए थे कि वह किसानों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए पप्पू यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “ये CAA NRC का आंदोलन नहीं है। जिसमें हिन्दू-मुसलमान कर सरकार अपना उल्लू सीधा कर लेगी। यह किसान आंदोलन है। इसमें सरकार की दाल नहीं गलेगी।
CAA NRC संविधान बचाने का आंदोलन था। किसान आंदोलन जान बचाने का आंदोलन है। गांव, गरीब, मज़दूर-किसान के हक की लड़ाई है।”
गौरतलब है कि मोदी सरकार हमेशा से ही देश को हिंदू मुस्लिम के बीच में बांटने की कोशिश में लगी रहती है।
बीते साल जब दिल्ली में एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। तो सिख भाईचारा प्रदर्शनकारियों की मदद के लिए सामने आया था।
इस बार तो बात किसान, गरीब और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई है। यहाँ पर सरकार किसानों को धर्म के नाम पर बांटने की साजिश में कामयाब नहीं हो पाएगी।
क्योंकि किसान विरोधी कृषि कानून के नाम पर सरकार किसानों की जान पूंजीपतियों के हाथों में सौंप देगी। जो किसानों को मंजूर नहीं है।