देश इन दिनों उत्सवजीवी हो गया है। संकट के समय को भी उत्सव में तब्दील करने में भारत की वर्तमान सत्ता का कोई जोड़ नहीं है।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी देश में थाली पिटने और दीवाली मनाने का अजीबोगरीब नजारा दिखाई दिया था। जब हजारों लोग काल के गाल में समा चुके थें और लाखों लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग से जूझ रहे थें, देश की सत्ता लोगों से तालियां और थालियां बजवा रही थी।
इतने से भी मन नहीं भरा तो मौत के जश्न के तौर पर दीवाली भी मनवा दी गई।
एक बार फिर से देश को ऐसा ही नजारा देखने को मिला है।कोरोना वैक्सीन के नाम पर पूरा देश फिर से एक अलग तरह के उत्सव को देख रहा है। इसे टीकोत्सव का नाम दिया गया है।
देश के सभी अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर वैक्सीनेशन का फूल पेज विज्ञापन दिया गया है और इसमें पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया गया है।
अलग अलग अखबारों में दिए गए इन विज्ञापनों में लिखा हुआ है कि सबको वैक्सीन मुफ्त में वैक्सीन देने के लिए धन्यवाद मोदी जी!
पीएम मोदी के इन विज्ञापनों पर जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि “फ्री में मौत देने और पैसा देकर अपना प्रचार करने के लिए थैंक्यू पीएम मोदी जी !
Thank you PM Modi Jee
फ्री में मौत देने
पैसा देकर अपना प्रचार करने के लिए pic.twitter.com/HFRB7IMVok— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) June 24, 2021
पप्पू यादव ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सरकारी बदइंतजामी की वजह से हुई मौतों को ही फ्री में मौत की संज्ञा दी है।
जिस तरह से कोरोना काल में पूरे देश में ऑक्सीजन की किल्लत, अस्पतालों में बेड की किल्लत, दवाओं और इंजेक्शन की किल्लत सामने आई और इन किल्लतों की वजह से अनगिनत लोगों की जानें गई, कभी इसकी जिम्मेवारी पीएम मोदी ने नहीं ली।
कोरोना से हुई मौतों के लिए पीएम मोदी की कोई जिम्मेवारी नहीं थी लेकिन वैक्सीनेशन के लिए मोदी का आभार जताने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करना कहां तक जायज है!
सरकार कहती है कि कोरोना से मरने वालों को हम मुआवजा नहीं दे सकते क्योंकि पैसे का अभाव है लेकिन मोदी के विज्ञापन के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने के पैसे कहां से आ जाते हैं?
समय समय पर आंसू बहाने वाले पीएम मोदी इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि लोगों की लाशों पर विज्ञापन करने से भी परहेज नहीं कर पा रहे हैं।