केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ विपक्षी दल लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन भाजपा समर्थक मीडिया कहता है कि विपक्ष कहाँ है ?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद सपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं को पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए रोक दिया गया।

यहां तक कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके बावजूद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी किसानों से मिलने की कोशिश करते दिखे।

भाजपा समर्थक मीडिया द्वारा विपक्षी दलों का यह विरोध और मोदी सरकार पर उठाए जा रहे सवाल कभी नहीं दिखाए जाते।

यहां तक की डिबेट शोज में विपक्ष के प्रवक्ताओं को ऐसे मुद्दे पर बोलने से भी रोका जाता है।

इस मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भाजपा समर्थक मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि

बीजेपी पोषित एंकर कृपया अपने आका से पूछकर एक लिस्ट जारी कर दें। विपक्ष को कहां जाना चाहिए, कहां नही। विपक्ष को क्या बोलना चाहिए,क्या नहीं।

विपक्ष को सरकार से सवाल करना चाहिए या नहीं। विपक्ष को कब सरकार की विफलता की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। जनता की आवाज़ कब बनना चाहिए, कब नहीं।”

गौरतलब है कि मोदी सरकार पर कई बार ही आरोप लग चुके हैं कि विपक्ष की आवाज को दबाया जाने की कोशिश की जा रही है।

राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने यह तक कहा है कि मोदी सरकार भारत को विपक्ष मुक्त देश बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है ताकि उनकी तानाशाही के खिलाफ आवाज कोई ना उठा सके।

कई नेताओं का कहना है कि देश का बिकाऊ मीडिया विपक्ष को कमजोर दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ता।

न्यूज़ चैनलों के कई पत्रकार अपना फर्ज भूलकर पार्टी विशेष के पक्ष में पत्रकारिता करने में लगे हुए हैं।

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