पेट्रोल की कीमतों ने एक बार फिर से मुंबई में शतक लगा दिया है। शनिवार को पेट्रोल की कीमतों में 25 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हो गया।

शुक्रवार को मुंबई में पेट्रोल 99.94 रुपये प्रति लीटर था जो शनिवार को बढ़कर 100.19 रुपये प्रति लीटर हो गया. वही डीजल भी प्रति लीटर 30 पैसे महंगा हो गया और 92.17 रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया।

मालूम हो कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में यह इस महीने की 14वीं मूल्यवृद्धि है। इस वजह से देश भर में पेट्रोल डीजल की कीमतों ने अपने पुराने सारे रिकाॅर्ड ध्वस्त कर दिए है।

देश के जाने माने गीतकार विशाल डडलानी ने पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की और ट्वीट किया कि बधाई हो मुंबई, वाह नरेंद्र मोदी… करके दिखा दिया. करके दिखा दिया के बाद विशाल ने जोड़ दिया…. मतलब लोगों को पूरी तरह बर्बाद।

विशाल ने पीएम मोदी पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि “वाह नरेंद्र मोदी…. लोगों को पूरी तरह बर्बाद करके आपने दिखा दिया”

जिस तरह से देश के हर हिस्से में पेट्रोल डीजल की कीमतें बेतहाशा बढ़ रही है, वैसे में लगता ही नही कि इस देश में सरकार नाम की कोई चीज भी है।

सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है। मोदी समर्थकों की नजर में पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए सरकार जिम्मेवार नहीं है।

ये अलग बात है कि जब डाॅ मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थें तब पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए उन्हें ही जिम्मेवार ठहराया जाता था।

एक समय में यही नरेंद्र मोदी देश के सामने कहा करते थें, ‘बहुत हुई महंगाई की मार.. अबकी बार मोदी सरकार‘ अब तो देश में मोदी सरकार भी है और पिछले साल सालों से हैं।

लेकिन इस दौरान आम आदमी की कमर महंगाई से टूट चुकी है. जाहिर सी बात है कि जब डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ती हैं तो मालभाड़ा, किराया वगैरह सब कुछ बढ़ जाता है।

दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ महीनों से रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृ़िद्ध हो रही थी लेकिन जैसे ही चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा की तब अगले ही दिन से दाम बढ़ने बंद हो गए और मूल्य स्थिर हो गया।

यह सोचने वाली बात है कि जब सरकार कहती है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें हमारे नियंत्रण से बाहर है तो फिर पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान ये कीमतें स्थिर कैसे हो गई?

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