उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर में पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है। दरअसल पुलिस के पास एक युवती रोते हुए मदद मांगने पहुंची थी। पुलिस ने इस युवती की बात सुनकर मदद का हाथ आगे बढ़ाया।

मामला कुछ यूं है कि आल्हागंज कोतवाली पहुंची 17 वर्षीय बीमार युवती ने नम आंखों व भरे हुए गले से प्रभारी निरीक्षक को बताया कि सर, मेरे पापा को पकड लो, मैं करीब 15 दिनों से लगातार बीमार चल रही हूं। मेरा इलाज जिला अस्पताल शाहजहांपुर से चल रहा है।

जहां डॉक्टर साहब ने मुझमें खून की कमी बताते हुए बी पॉजिटिव ब्लड चढ़वाने के लिये बताया है। मैंने अपने पापा नन्हे से कई बार खून देने के लिए कहा लेकिन वो देने को तैयार नहीं है। खून न मिल पाने और बीमारी के कारण वो बहुत कमजोर होती जा रही है। यदि समय पर उसको खून नही मिला तो उसके साथ कुछ भी हो सकता।

इसके बाद यह मामला एसपी एस आंनद के पास पहुंचा। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही युवती को खून उपलब्ध करवाने की हर संभव कोशिश करने के निर्देश दिए। जिसके बाद थाने में तैनात पुलिसकर्मियों से उनके ब्लड ग्रुप की जानकारी मांगी गई।

इस दौरान आरक्षी राशिद खान ने बताया कि उनका ब्लड ग्रुप भी बी पॉजिटिव है और वह युवती को खून देकर उसकी मदद करना चाहते हैं। युवती ने और उनके परिवार वालों ने खून दान करने के लिए आरक्षी राशिद खान और पूरे पुलिस विभाग को धन्यवाद कर कहा है।

परिवार का कहना है कि पुलिस विभाग और आरक्षण की वजह से उनकी बेटी की जान बच गई है।

सोशल मीडिया पर यह खबर जज्बाती खाकी नाम के ट्विटर अकाउंट पर शेयर की गई है। जिस पर लोग पुलिस के इस पहलू को देखकर भावुक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। लोग पुलिस कर्मी के इस कदम के लिए उनकी हौसला अफ़ज़ाई कर रहे हैं।

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