कल पूरे देश ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई. हमेशा की तरह मुख्य समारोह लाल किले में हुआ, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया.

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने ऐसा कुछ कह दिया कि जिससे की वो लोगों के निशाने पर आ गए. पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 साल भारत और भारत के नागरिकों के लिए अमृत काल होने वाले हैं.

हम एक ऐसा भारत बनाना चाहते हैं जहां पर सरकार का किसी भी नागरिक की निजी जिंदगी में कोई हस्तक्षेप न हो.

इस पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि बहुत ही उच्च विचार हैं प्रधानमंत्री मोदी जी के.

अगर यह सही है तो क्यों सरकार हजारों करोड़ रुपये पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में खर्च कर रही है, जिससे की हमारे देश के जजों, चुनाव आयुक्तों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों और एक्टिविस्टों की जासूसी कराई जा रही है.

प्रशांत भूषण ने ट्वीटर के जरिए पीएम मोदी के इस बयान पर तंज कसते हुए पूछा है कि आखिर क्यों, सरकार इस मसले पर संसद में चर्चा करने से पीछे हट रही है.

ट्वीटर पर लोगों ने भी पीएम मोदी के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पूर्व आइएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इस मसले पर ट्वीटर के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि ‘ऐसा भारत पाने के लिए हमें सबसे पहले अपने देश के सरकार को बदलना होगा.’

मालूम हो कि पिछले एक महीने से पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के मामले का खुलासा होने के बाद देश की राजनीति में उबाल आया हुआ है.

तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर पिछले मॉनसून सत्र में चर्चा चाहते थें लेकिन सरकार ऐसा करने से बचती हुई दिखाई देती रही और अंततः संसद का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया और समय से पहले सदन को स्थगित कर दिया गया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेगासस मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि ये सरकार अब आपके मोबाइल फोन तक मेंं घुस गई है.

पेगासस के जरिए देश भर के कई विपक्षी नेताओं, 40 से ज्यादा पत्रकारों, जजों और चुनाव आयुक्तों तक के जासूसी के आरोप लगे हैं. राहुल गांधी ने तो इसके लिए सीधे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी.

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