कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि कोरोना के इस विकट दौर में सरकार किसी भी विपक्षी नेताओं से बातचीत नहीं कर रही है।

तमाम विपक्षी दलों और नेताओं की बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि कोई भी ऐसा विपक्षी नेता नहीं है जो उन्हें रचनात्मक और सकारात्मक सुझाव नहीं दे रहा है।

डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए सलाह की चर्चा करते हुए प्रियंका ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह जी 10 सालों तक इस देश के प्रधानमंत्री थे। हर किसी को मालूम है कि वो किस तरह के व्यक्ति हैं।

जब देश महामारी का सामना कर रहा है और वैसे वक्त में वो कोई सुझाव दे रहे हैं तो उन सुझावों को उनकी गरिमा के अनुरुप स्वीकार करना चाहिए, जिस गरिमा के साथ उन्होंने सुझाव दिया था।

पीएम मोदी की कार्यशैली की आलोचन करते हुए प्रियंका ने कहा कि पीएम को कुछ कर दिखाने की जरुरत है। उन्हें रैली के मंच से उतरने की जरुरत है। हंसी और ठहाकों से बचने की जरुरत है।

उन्हें यहां आने की जरुरत है जहां वो लोगों के सामने बैठें, उनसे संवाद करें, चर्चा करें और उन्हें बताएं कि किस प्रकार वो उनकी जान बचाने जा रहे हैं।

प्रियंका ने कहा कि यह वक्त लोगों की आंखों के आंसू पोछने का है, न कि राजनीतिक रैलियों में हंसने का। प्रियंका का निशाना पीएम मोदी के दीदी ओ दीदी वाले बयान पर था।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी करुणा के साथ कर रही है और जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रह है लेकिन प्रधानमंत्री जी क्या कर रहे हैं, वो रैलियों में ठहाके लगा रहे हैं।

जब पूरा देश रो रहा है, मदद की गुहार लगा रहा है, ऑक्सीजन मांग रहा है, बेड मांग रहा है, दवाईयां मांग रहा है तो पीएम मोदी रैलियों में चिल्ला रहे हैं।

मालूम हो कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार को कई अहम सुझाव दिया था लेकिन सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से समझने और मानने की बजाय राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप लगाने लगी।

खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर टीका टिप्पणी और राजनीतिक बयानबाजी पर उतर आएं।

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