मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ तकरीबन दो महीने से किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इन दो महीनों में प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की जान तक चली गई।

ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी और पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री ने ये ऐलान अपने ‘फेसबुक लाइव आस्क कैप्टन सेशन’ के 20वें संस्करण में किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम ठंड के कारण हर दिन अपने किसानों को खो रहे हैं, अब तक लगभग 76 किसानों की मौत हो चुकी है।’’

सिंह ने कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवार को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने उनकी सरकार उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी पंजाबियों को दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हमारे किसानों की चिंता है। वे वहां उन कानूनों को निरस्त करने के वास्ते केंद्र को राजी करने के लिए बैठे हैं, जो हम लोगों को विश्वास में लिए बिना लागू किए गए थे।’’

सीएम ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोग अपने बच्चों और नाती-पोतों के भविष्य के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं।’’

इस दौरान मुख्यमंत्री ने बीजेपी के साथ ही शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) पर भी निशाना साधा।

उन्होंने दोनों पार्टियों पर कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उनकी कड़ी निंदा की। साथ ही उन्होंने केन्द्र द्वारा कानूनों को निरस्त किये जाने से इनकार करने को अमानवीय करार दिया।

बता दें कि आंदोलन कर रहे कुछ किसानों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने नोटिस भेजा है। किसानों को नोटिस भेजे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक गलत कदम है और वह जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री को इस बारे में पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए।

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