किसान आंदोलन – जब से कृषि के नए तीन कानून Farm Law पास हुए हैं तब से देशभर के अलग-अलग हिस्से में किसान Kisan विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं मगर नवंबर के आखिरी में जब पंजाब Punjab और हरियाणा से किसानों ने दिल्ली कूच किया तभी इस बात की आशंका हो गई थी कि देश एक बड़ा आंदोलन देखने जा रहा है।
किसानों के दिल्ली मार्च ऐलान को भी अब लगभग 2 महीने होने को हैं ऐसे में सरकार ने लगभग सभी हथकंडे अपना लिए हैं कि विरोध प्रदर्शन खत्म हो जाए यह किसानों का आंदोलन धीमा पड़ जाए मगर उल्टा किसान आंदोलन तेजी से जंगल में आग की तरह फैलता चला जा रहा है।
सरकार और पुलिस की भूमिका पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं इस बार किसानों ने एक ऐसा सबूत भी पकड़ा है जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि पुलिस वाले किसानों के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं।
दरअसल किसानों ने आधी रात को आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दावा किया कि वो जिस शख्स को मीडिया के सामने पेश कर रहे हैं वो अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने आया था, वो भी पुलिस के इशारे पर।
पहचान छुपाए हुए नौजवान को जब मीडिया के सामने पेश किया गया तो उसने न सिर्फ इस आरोप पर हामी भर दी बल्कि तमाम बड़े खुलासे किए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संदिग्ध व्यक्ति द्वारा किए गए खुलासों को इन कुछ पॉइंट्स में समझा जा सकता है-
# किसानों की सनसनीखेज प्रेस कॉन्फ्रेंस
# एक संदिग्ध को पकड़ा गया
# दावा: किसान नेताओं को गोली मारने के लिए आया था
# 23 से 26 जनवरी के बीच गोली मारने का था प्लान
# बोला किसी पुलिस वाले ने उसे इस काम के लिए पैसे दिए हैं
# 2 लड़कियों समेत 10 लोग हैं इस गैंग का हिस्सा
अगर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए दावे सच साबित होते हैं तो पुलिस के साथ-साथ सरकार से सवाल करने की जरूरत है कि आंदोलन को खत्म करवाने में नाकाम होने पर क्या इस तरह की अपराधिक साजिश को रचकर देश के संविधान से खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है?
26 जनवरी को होने वाले ट्रेक्टर मार्च से क्या सरकार बौखलाई हुई नहीं है?