भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 47,262 नए मामले दर्ज हुए हैं, साथ ही इस बीमारी के कारण 275 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक देश में 1,17,34,058 संक्रमण के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। जिनमें से 3,68,457 एक्टिव मामले हैं। इसी के साथ अब तक इस महामारी के कारण 1,60,441 लोगों की जान जा चुकी है।

महाराष्ट्र, पंजाब, कर्णाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आए दिन कोरोना मरीज़ों के आंकड़ों में वृद्धि की खबरें आ रही हैं।

स्वास्थय मंत्रालय का कहना है कि इन्हीं पांच राज्यों से पिछले 24 घंटों में दर्ज हुए 80.5 प्रतिशत नए कोरोना मामले सामने आए हैं। दिल्ली में भी आए दिन कोरोना मामलों बढ़ते जा रहे हैं।

इस तरह के आंकड़ें और चौंकाने वाले इसलिए हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले तक देशभर से कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गयी थी। सरकार ने इस महामारी के खिलाफ टीकाकरण का अभियान भी चलाया है। अब तक तो 5,08,41,286 लोगों को COVID-19 वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं।

माना जा रहा था की इससे जनता में COVID बीमारी से लड़ने की प्राधिरोधक क्षमता बढ़ेगी और संक्रमित मामलों में कमी आएगी। हालाँकि, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। केवल महाराष्ट्र में ही 2,31,942 एक्टिव कोरोना के मामले हैं।

पांच करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगने के बावजूद इस महामारी की ‘सेकंड वेव’ आ गयी है।

एक साल पहले भी देशभर में लॉकडाउन लगा था और अब एक साल बाद भी इससे निपटने के लिए लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है।

नागपुर शहर में तो 15 मार्च से ही कोरोना सम्बन्धी-प्रतिबन्ध लगाए गए थे। पंजाब सरकार ने अपने 11 जिलों में ‘सामाजिक मेलजोल’ पर कुछ छूट के साथ पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया है।

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