पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान पर है। पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। इस वजह से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं।

इसी बीच में देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई तो सरकार की नींद खुल गई और अचानक से पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर हो गईं। इसके पहले हर रोज लगातार मूल्यवृद्धि हो रही थी।

एक समय ऐसा भी आया जब देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई थी।

स्थिति ऐसी हो गई हैं जैसे कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल- डीजल की कीमतों में मामूली कमी आई है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में आई कमी को 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से जोड़ते हुए सरकार पर प्रहार किया है।

चुनाव के कारण केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 17-18 पैसे प्रति लीटर कटौती की है। इस मामूली कमी का मजाक उड़ाते हुए राहुल गांधी ने पूछा है कि “बचत की इस धनराशि से आप क्या क्या करेंगे ?

इसके पहले भी राहुल गांधी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं।

इसके पहले उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार दोनों हाथ खोलकर दिनदहाड़े लूट रही है। गैस, डीजल और पेट्रोल पर भारी कर वसूली कर रही है।

पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों द्वारा पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर सवाल पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अब वो पेट्रोल और डीजल के जरिए सरकार चलाना चाहते हैं और जबरन आपकी जेब से पैसे निकाल रहे हैं।

हालांकि पिछले 3 दिनों पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। लगातार 2 दिनों से कीमतों में कटौती की जा रही है।

दो दिनों में पेट्रोल जहां 39 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है तो वहीं डीजल की कीमतों में भी 37 पैसे प्रति लीटर मामूली कमी है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में जितनी तेजी से पेट्रोल -डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ, उतनी तेजी से कीमतों में कमी नहीं आई है।

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