सीपीआई नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी द्वारा बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह वाले बयान पर पलटवार किया है और इसे सबसे बड़ा झूठ करार दिया है।

बताते चलें कि पीएम मोदी इन दिनों बांग्लादेश के दौर पर हैं और इसी क्रम में उन्होंने नया खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने भी बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष किया था और इसके लिए उन्हें जेल तक जाना पड़ा था।

कन्हैया कुमार ने असम विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सवाल पूछा कि क्या आपको पता है कि नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में क्या कहा है?

मोदी जी ने बांग्लादेश में कहा है कि उन्होंने भी बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था और इसके लिए वो जेल भी गए थें।

कन्हैया कुमार ने कहा कि इस स्तर का झूठ इस देश में केवल भाजपा के ही नेता बोल सकते हैं।

कन्हैया कुमार भी इन दिनों असम विधानसभा चुनाव के सिलसिले में दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के वक्त भारत ने उस देश में मुक्ति आंदोलन का समर्थन और सहयोग किया था।

ऐसे में सवाल उठता है कि मोदी ने सत्याग्रह क्यों किया ? कहां किया? उन्हें जेल की सलाखों के पीछे किसने धकेल दिया? भारत की सरकार ने या फिर पाकिस्तान की सरकार ने?

कन्हैया कुमार ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि पीएम मोदी का सबसे बड़ा झूठ है।

भाजपा पर प्रहार करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि देश की गद्दी पर गद्दारों ने कब्जा कर लिया है। हमें हर हाल में उन्हें पराजित करना होगा और उन किसानों को जीताना होगा जो दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कन्हैया कुमार ने लोगों से पूछा कि भाजपा के पिछले 5 साल के शासनकाल में क्या हुआ है? क्या देश में कालाधन वापस आ गया?

क्या सालाना दो करोड़ नौकरियां मिलने लगी ? जैसा कि 2014 में वायदा किया गया था, कुछ भी पूरा हुआ क्या ?

कन्हैया ने कहा कि पांच साल में जो कुछ नहीं कर सकें, वो फिर से वोट कैसे मांग रहे हैं ?

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