केंद्र और हरियाणा की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को किसान आंदोलन को हल्के में लेना भारी पड़ता जा रहा है। अभी विगत दिनों पंजाब में एक भाजपा विधायक को किसानों ने बुरी तरह मारा पीटा और नंगा करके विदा कर दिया है।

हरियाणा में भी किसान आंदोलन की आंच बढ़ती जा रही है। हरियाणा के सिसाई गांव में अब भाजपा नेताओं के घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सिसाई गांव के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने एक बड़ा सा होर्डिंग टांग दिया है जिस पर साफ साफ लिखा हुआ है: “गांव सिसाय का सर्वसम्मत फैसला। इस गांव में भारतीय जनता पार्टी एवं जननायक जनता पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों एवं सरकार समर्थक नेताओं का आना सख्त मना है।

ग्रामीणों का इशारा साफ है कि जो भी नेता या राजनीतिक दल भाजपा सरकार के समर्थक हैं, वो सिसाय गांव में प्रवेश न करें।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि भाजपा और उनके सहयोगी दलों के विरोध और बहिष्कार का यह फैसला पूरे गांव ने एकजुट होकर सर्वसम्मति से लिया है।

सिसाय गांव के लोगों ने कहा कि हम किसान हैं। हम पिछले दो लोकसभा और विधानसभा चुनाव के वक्त से ही भाजपा को दिल खोलकर वोट देते आ रहे हैं लेकिन बदले में भाजपा ने हमें धोखा दिया है।

ग्रामीणों ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने वोटरों से ज्यादा भरोसा अडानी और अंबानी जैसे पूंजीपतियों पर किया है। वो ये तीनो कृषि कानून पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए हैं।

इस वजह से हम भाजपा के साथ साथ अपने गांव में अडानी, अंबानी और रामदेव की पतंजली के भी सभी उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा करते हैं।

ग्रामीणों ने साफ किया कि हमारे गांव में आज के बाद अडानी, अंबानी और पतंजली का कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

मालूम हो कि कुछ दिन पहले टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के हिसार जिले के इसी सिसाय गांव के एक किसान राजवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। राजवीर केंद्र सरकार द्वारा कृषि बिल वापस नहीं लिए जाने की वजह से आहत था।

राजवीर सिंह ने पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी। राजवीर ने अपने सुसाइड लेटर में लिखा था कि मैंने सुना है कि सरकार मरने वाले की हर इच्छा पूरी करती है. मेरी भी इच्छा है कि सरकार तीनों कृषि बिलों को वापस ले ले।

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