केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार खुद को किसान और गरीबों का हितेषी बताकर कई झूठे दावे करते आई है। लेकिन संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान किसानों के मुद्दों पर और बढ़ रही महंगाई पर विपक्ष से बहस करने को भी तैयार नहीं है।

जिसके चलते हाल ही में राहुल गांधी ट्रैक्टर से संसद भवन पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि संसद में मोदी सरकार किसानों के मुद्दों पर विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।

संसद में विपक्षी दलों द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग भी उठाई गई है। अब किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा संसद में चर्चा का विषय बन गया है।

इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक रिपोर्ट शेयर कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि “जब मित्रों का कर्ज माफ करते हो तो देश के अन्नदाता का क्यों नहीं? किसानों को कर्ज मुक्त करना मोदी सरकार की प्राथमिकता नहीं है। यह सरासर अन्याय है।”

 

दरअसल राहुल गांधी द्वारा शेयर की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने से इंकार कर दिया है।

सरकार का कहना है कि फिलहाल उनका कृषि कर्ज माफ करने का कोई प्लान नहीं है। किसानों पर 16.80 लाख करोड़ का कृषि कर्ज बकाया है।

गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। तो देश में कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा। सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे।

आज आप देख सकते हैं कि मोदी सरकार ने देश के किसानों को किस हालात में लाकर खड़ा कर दिया है। किसान विरोधी कानून बनाकर सरकार देश के अन्नदाता को गुलामी की और धकेलने का काम कर रही है।

बीते 8 महीनों से इन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए देश के किसान संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को भी तैयार नहीं है।

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