केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारी संस्थानों का निजीकरण करने के मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर बनी रहती है।

अब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने देश की सरकारी संपत्तियों बेचने के लिए मोदी सरकार द्वारा एक नया प्रोग्राम बनाए जाने का ऐलान किया है।

बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम की शुरुआत करने जा रही हैं। जिसके जरिए मोदी सरकार ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट से पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है।

इसके पीछे कारण ये दिया जा रहा है कि मोदी सरकार इस वक्त पैसों की तंगी से जूझ रही है। इसलिए साल 2021-22 के बजट में एसेट मोनेटाइजेशन पर काफी जोर देने की घोषणा की गई थी।

इस वक्त मोदी सरकार देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए पैसे इक्क्ठा करने के नए रास्ते तलाश कर रही है। बताया जाता है कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत देश की कई सरकारी संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाए जाएंगे।

सरकारी संपत्तियों के मुद्रीकरण को सिर्फ वित्तपोषण का साधन ही नहीं। बल्कि ढांचागत परियोजनाओं के रखरखाव और विस्तार को बेहतर रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

इस मामले में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट में इस खबर को शेयर करते हुए लिखा है कि “एक ज़माना था देश की सम्पति बनाते थे…और..आज देश बेचने का प्रोग्राम बनाया जा रहा है। मोदी है तो यही मुमकिन है। #StopSellingIndia

दरअसल केंद्र सरकार का कहना है कि देश में आई कोरोना महामारी की वजह से सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही है।

जबकि इसके विपरीत कोरोना महामारी में सरकार द्वारा शुरू किए गए पीएम केयर्स फंड में देश विदेश से बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़, खिलाड़ियों, व्यापारियों द्वारा बड़े स्तर पर पैसे दिए गए थे।

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