प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड चुनाव प्रचार में पाकिस्तान-पाकिस्तान कर रहे हैं। चुनाव झारखंड का हो रहा है लेकिन उनके भाषणों में नाम पाकिस्तान का सुनाई दे रहा है। मौजूदा सरकार के फैसलों के कारण पहले से ही CAA को लेकर देश में ‘हिन्दू-मुस्लिम’ डिबेट चल रही है, छात्र-छात्रों पर लाठियां बरस रही हैं। और अब उसी बहस को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ‘भारत-पाकिस्तान करने में लग गए हैं’।
दरअसल, नरेंद्र मोदी नागरिकता संशोधन अधिनियम पर झारखंड की एक चुनावी रैली में भाषण दे रहे थे। उन्होनें कांग्रेस और उनके ‘साथी दलों’ पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों को खुलकर घोषणा कर देनी चाहिए कि वो पाकिस्तान के हर नागरिक को भारत की नागरिकता देने के लिए तैयार है। उन्होनें ये भी कहा कि इसके बाद “देश उनका हिसाब चुकता कर देगा”।
नरेंद्र मोदी यही नहीं रुके, उन्होनें अपने भाषण में कश्मीर और आर्टिकल 370 का भी ज़िक्र किया। मतलब साफ़ है, झारखंड चुनाव में वो खुले तौर पर ‘हिन्दू-मुसलमान’ कार्ड खेल रहे हैं।
मैं आज कांग्रेस और उनके साथियों को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो वो घोषणा करें कि
पाकिस्तान के हर नागरिक को भारत की नागरिकता देगी, 370 को दोबारा लागू और तीन तलाक कानून को रद्द करेगी।
कांग्रेस देश के युवाओं को बर्बाद करने का ये खेल खेलना बंद कर दे: पीएम #नमोमय_झारखंड pic.twitter.com/x3cfKU516L
— BJP (@BJP4India) December 17, 2019
नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर लिखा, “हर बात पर पाकिस्तान पाकिस्तान पाकिस्तान! चुनाव झारखंड का, और बात पाकिस्तान की! पाकिस्तान इतना ही याद आता है तो जाइये वहीं जाकर रह लीजिए!”
घड़ी घड़ी नौटंकी!
हर बात पर पाकिस्तान पाकिस्तान पाकिस्तान!!
चुनाव झारखंड का, और बात पाकिस्तान की!
पाकिस्तान इतना ही याद आता है तो जाइये वहीं जाकर रह लीजिए! https://t.co/ZohVcFEOZ3
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 18, 2019
नरेंद्र मोदी पहले कईं चुनावी रैलियाँ में भाजपा की तरफ से नारा दे चुके हैं, ‘सबका साथ सबका विकास’। लेकिन अब उनकी सरकार के फैसले इस नारे पर सवाल उठा रहे हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम पर देश भर में पहले ही तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
और अब देश के सबसे ज़िम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति इस मुद्दे को ‘भारत-पाकिस्तान’ की तरफ मोड़ रहे हैं। झारखंड चुनाव के आखिरी चरण में इसका वो फायदा उठाने का सोच रहे हैं। इससे हालातों में सुधार तो नहीं आएगा, उल्टा देश का ही नुक्सान होगा। सबका साथ और सबका विकास तो बिलकुल नहीं हो पाएगा।