महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए सियासी उठापटक के बाद अब कईं राज्यों की राजनीतीक हलचल तेज़ हो चली है। एनसीपी नेता अजीत पवार रविवार को पार्टी के बड़े नेताओ और समर्थक नेताओं के साथ भाजपा-शिंदे सरकार में शामिल हो गए है।

वहीं उत्तरप्रदेश की राजनीती में भी कई अफवाहे उड़ने लगी है। मीडिया में खबरें आ रही हैं कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जिसे खुद जयंत चौधरी ने कल मीडिया से बात करते हुए बीजेपी जाने वाली अटकलों को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा है कि वे स्पष्ट है और विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में ही रहेंगे। और आगामी विपक्षी पार्टी नेताओं की बैठक जिसे शिमला से शिफ़्ट कर कर्नाटक रखा गया है, उसमें शामिल होंगे।

महाराष्ट्र में एनसीपी और अब यूपी में जयंत चौधरी का बीजेपी में जाने वाली बात पर देश के चर्चित पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा दावा किया है।

मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा- ”मेरी बात जयंत चौधरी से हुई है वह बीजेपी में कभी नहीं जायेंगे। वह संयुक्त विपक्ष के साथ ही गठबंधन में शामिल रहेंगे।”

उन्होंने कहा कि भाजपा पहले बिहार में हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी और उसके बाद महाराष्ट्र में एनसीपी के अंदर तोड़-फोड़ कर रही है।

सत्यपाल मालिक ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा केंद्रीय जाँच एजेंसियों का डर दिखा कर विपक्षी पार्टी नेताओं को तोड़ रही है। किसी भी गैर बीजेपी शासित राज्यों में विपक्षी नेताओं को डरा कर उन्हें तोड़ रही है। जयंत चौधरी को लेकर सत्यपाल मालिक बिलकुल स्पष्ट हैं और वह कभी बीजेपी में नहीं जायेंगे।

दरअसल यह सियासी बयानबाज़ी का पूरा मामला रामदास अठावले और यूपी के नेता ओम प्रकाश राजभर के बयान के बाद सामने आया है।

अठावले ने कहा था, “अजित पवार की तरह यूपी में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी अखिलेश यादव सपा गठबंधन से अलग हो सकते हैं। वहीं ओपी राजभर ने भी जयंत चौधरी को लेकर कहा कि रालोद भी अब बीजेपी के साथ आ सकती है।

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