चुनावी दौरों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लच्छेदार और भावुक कर देने वाले भाषण शुरू हो चुके हैं। अब एक बार फिर जनता को लुभाने के लिए पीएम मोदी ‘गरीब’ आदमी होने का दावा कर रहे हैं।
पीएम मोदी कई बार ये कहते आए है कि, आज भी लोगों को विश्वास नहीं है कि एक चायवाला प्रधानमंत्री है। लेकिन, एक बात यह भी सच है कि 2014 के चुनाव से पहले देश की जनता को ये पता था कि नरेन्द्र मोदी चायवाले थे तभी उनको चुनाव में जीताकर देश का प्रधानमंत्री बनाया।
भारत का प्रधानमंत्री इतना लाचार और असहाय कभी नहीं था जितना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। मोदी वक़्त-बेवक्त अपने आपको कभी गरीब आदमी, चायवाला, नक्सली मुझे मरना चाहते हैं, मेरी जान को खतरा है जैसी बातें बोलकर अपने आपको लाचार साबित करते रहते हैं।
ये बातें पीएम मोदी के लगभग हर भाषण में शामिल हो चुकी हैं। 7 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।
इस ट्वीट में लिखा है कि, “आप जानते हैं उनके लिए (विपक्ष) मेरा अपराध क्या है? एक गरीब परिवार में जन्म लेने वाला आदमी उनकी सत्ता को चुनौती दे रहा है।”
एक बात साफ़ हो गई है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भी राजनीति मोदी के इर्द गिर्द घुमती रहेगी। फिर मुद्दों पर बीजेपी बात करने से रही!
पीएमओ के इस ट्वीट को पत्रकार रोहिणी सिंह ने रीट्वीट करते हुए लिखा है कि, “आपसे पहले मनमोहन सिंह, देवेगौड़ा, लाल बहादुर शास्त्री भी गरीब परिवार से थे।”
Manmohan Singh, Deve Gowda, LB Shastri all came from poor backgrounds too…. https://t.co/BMEfkoR8C6
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 7, 2019
वहीं पत्रकार साक्षी जोशी ने पीएम मोदी के गरीब बताये जाने पर चुटी लेते हुए लिखा है कि, “मोदी से पहले कोई प्रधानमंत्री गरीब नहीं था। केवल मोदी के बाद मोदी ही गरीब प्रधानमंत्री रहेंगे।”
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपने आपको भले ही गरीब आदमी बताते हों, लेकिन कुछ साल पहले 10 लाख का उन्होंने सूट पहना था जिसपर मोदी लिखा हुआ था। मोदी की इसपर खूब किरकरी हुई थी। यह बात भी जनता के सामने है कि पीएम मोदी शादियों में जैसे कपडे बदलते हैं वैसे ही वो अपने दौरों पर कपडे बदलते हैं।
बता दें कि हर चुनावों से पहले विपक्ष जैसे ही पीएम मोदी को चायवाला कहता है वो हर चुनाव में इसे इस्तेमाल करके वोट बटोरने की मुहीम में जुट जाते हैं। जिसका फायदा कहीं न कहीं उन्हें चुनाव में मिल ही जाता है।