प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को हज़ारों करोड़ का नुकसान पहुँचाया है। ये बात कोई और नहीं बल्कि रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट कह रही है। विवादित राफेल डील में सामने आए नए साक्ष्यों से सीधा पीएम मोदी पर सवाल उठ रहे हैं।

अंग्रेज़ी अखबार ‘द हिन्दू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवम्बर 2015 में रक्षा मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत की ओर से राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यकाल हस्तक्षेप कर रहा है और डील की बातचीत में सीधे तौर पर शामिल है। दूसरी तरफ फ़्रांस से इस मामले में उनकी विशेष रक्षा समिति शामिल है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले तो PMO (प्रधानमंत्री कार्यकाल) को इस मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है और दूसरा वो इस मामले में विशेषज्ञ नहीं है, इस कारण डील में भारत को बड़ा नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट में उस समय ही संदेह जताया गया था कि पीमओ के हस्तक्षेप के कारण भारत को बैंक गारंटी नहीं मिलेगी जिस कारण भविष्य में देश को इस डील से बड़ा नुकसान होगा।

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बाद में हुआ भी यही, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में खुद बताया है कि इस डील में फ़्रांस की ओर से भारत को कोई बैंक गारंटी नहीं दी गई है। जिस समिति ने ये रिपोर्ट दी उसे राफेल मामले के लिए ही बनाया गया था। इसके अध्यक्ष वायु सेना के उप प्रमुख थे।

क्या है विवाद

राफेल एक लड़ाकू विमान है जिसे भारत फ्रांस से खरीद रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने विमान महंगी कीमत पर खरीदा है और इस डील से उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाया है। जबकि सरकार का कहना है कि यही सही कीमत है। बता दें, कि इस डील की शुरुआत UPA शासनकाल में हुई थी।

कांग्रेस का कहना है कि UPA सरकार में 12 दिसंबर, 2012 को 126 राफेल विमानों को 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर (तब के 54 हज़ार करोड़ रुपये) में खरीदने का फैसला लिया गया था। इस डील में एक विमान की कीमत 526 करोड़ थी।

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इनमें से 18 विमान तैयार स्थिति में मिलने थे और 108 को भारत की सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), फ्रांस की कंपनी ‘डसौल्ट’ के साथ मिलकर बनाती।

अप्रैल 2015, में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ़्रांस यात्रा के दौरान इस डील को रद्द कर इसी जहाज़ को खरीदने के लिए में नई डील की। ये डील 7.87 अरब यूरो में हुई। इस हिसाब से एक राफेल विमान की कीमत लगभग 1541 करोड़ रुपये होगी और केवल 36 विमान ही खरीदें जाएंगें।

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