कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन में ज़रूरी चीज़ों को छोड़कर लगभग सभी चीज़ों की ख़रीद- फरोख्त पर पाबंदी रही। लेकिन ये पाबंदी सिर्फ आम लोगों के लिए रही। बीजेपी और उसकी सरकर पर ये पाबंदी लागू नहीं हुई। बीजेपी और उसकी सरकार लॉकडाउन के दौरान ही कई चीजें बेचती और खरीदती नज़र अाई।
जहां केंद्र की मोदी सरकार को सरकारी संपत्ति, रेलवे के प्लैटफॉर्म्स और शराब बेचते देखा गया, वहीं बीजेपी कथित तौर पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधायकों को खरीदते हुए नज़र अाई। बीजेपी के इसी रवैये पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ज़ोरदार कटाक्ष किया है।
उन्होंने मंगलवार को एक ट्वीट कर चुटकी लेते हुए लिखा, “लॉककडाउन में सब बंद रहेगा लेकिन ज़रूरी चीजें बिकती रहेंगी जैसे- शराब, विधायक, रेल, एयरपोर्ट, बैंक, सरकारी सम्पत्ति आदि…….”।
संजय सिंह ने ये ट्वीट ऐसे समय में किया है जब केंद्र की मोदी सरकार ने 23 सरकारी कंपनियों को बेचने की घोषणा की है। पब्लिक सेक्टर की इन 23 कंपनियों में सरकार की जो हिस्सेदारी है उसे निजी हाथों में सौंपा जाएगा। हालांकि सरकार ने अभी कंपनियों के नाम नहीं बताए हैं।
सरकार ने ये क़दम विनिवेश की मंशा से उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये पीएसयू के विनिवेश से आएंगे और 90 हजार करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे।
बता दें कि विनिवेश के मोर्चे पर मोदी सरकार को वित्त-वर्ष 2019-20 में सफलता नहीं मिली थी, सरकार ने पहले वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन बाद में लक्ष्य को घटाकर 65,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। फिर भी सरकार इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी।