इजरायल द्वारा निर्मित पेगासस स्पाइवेयर के जरिए भारत के पत्रकारों और नेताओं की जासूसी का मुद्दा फिलहाल काफी गरमाया हुआ है।

इस लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न लगाने वाली महिला और उसके परिजनों का नाम भी शामिल है। जिनकी फोन जासूसी करवाई गई थी।

खबर के मुताबिक, पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला, उसके पति, दो भाई और कुछ अन्य लोगों समेत 11 लोगों के फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी एनएससी के डेटाबेस में पाए गए हैं।

इस संदर्भ में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “क्रोनोलॉजी समझ में आ गई ना। अप्रैल 2019 में महिला ने रंजन गोगोई पर यौन शोषण का आरोप लगाया। इसी महिला की फोन टैपिंग शुरू हुई।

नवंबर 2019 में राफेल दलाली के मामले मैं रंजन गोगोई ने क्लीन चिट दे दी। गोगोई को गिरफ्तार करके पूछताछ होनी चाहिए क्या उसे मोदी सरकार ने ब्लैकमेल किया?”

जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में महिला ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने अपने निवास कार्यालय पर उसके साथ छेड़छाड़ की थी।

जब मैंने इसका विरोध किया। तो उन्होंने कई तरह से मुझे परेशान किया। यहां तक कि मुझे नौकरी से भी सस्पेंड कर दिया।

बता दें, इसी साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट दे दी गई है।

गौरतलब है कि रंजन गोगोई ने राफेल डील मामले में मोदी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था।

राफेल मामले में जांच की मांग की याचिका को खारिज किए जाने के 4 महीने बाद रंजन गोगोई को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।

कांग्रेस का कहना है कि राफेल डील मामले में रंजन गोगोई के फैसले के लिए उन्हें मोदी सरकार द्वारा यह इनाम दिया गया है।

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