पत्रकार अमीश देवगन की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि वो पत्रकार के खिलाफ़ दर्ज एफआईआर को खारिज नहीं करेगी।
अमीश देवगन ने सूफ़ी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ़ अलग-अलग राज्यों में दर्ज कराई गई थी।
मामले की सुनवाई सोमवार को न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने की। पीठ ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना समेत विभिन्न राज्यों में देवगन के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को राजस्थान के अजमेर में ट्रांस्फर कर दिया।
पीठ ने यहां ये भी कहा कि अगर अमीश देवगन जाँच में सहयोग करते हैं तो उनके ख़िलाफ़ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बता दें कि 15 जून को प्रसारित अपने टीवी शो ‘आर-पार’ में अमीश देवगन ने सूफ़ी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में अपमानजनक बातें कही थीं।
अमीश ने अपने शो में बहस के दौरान ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को एक ‘हमलावर’ और ‘लुटेरा’ कह दिया था। जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मामले दर्ज कराए गए थे।
हालांकि अपने खिलाफ़ कानूनी शिकंजे को कसता देख अमीश देवगन ने बाद में माफी भी मांगी थी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “मेरी 1 बहस में, मैंने अनजाने में ‘खिलजी’ को चिश्ती के रूप में संदर्भित किया। मैं ईमानदारी से इस गंभीर त्रुटि के लिए माफ़ी माँगता हूँ और यह सूफ़ी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के अनुयायियों की नाराज़गी का कारण हो सकता है। मैंने अतीत में उनकी दरगाह पर आशीर्वाद माँगा था। मुझे इस त्रुटि पर अफ़सोस है।”