बीते दिनों से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को कांग्रेस से शुरुआत से ही समर्थन देती आई है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसका विरोध तब से ही करना शुरू कर दिया था। जब मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि बिलों को लाया गया था।
राहुल गांधी ने हमेशा इन कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया है। इस मामले में वह केंद्र सरकार के खिलाफ काफी हमलावर हुए हैं।
राहुल गांधी सोशल मीडिया पर भी कृषि कानूनों को लेकर किसानों के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी और देश के पूंजीपति अंबानी और अडानी को घेर रहे हैं। इससे पहले भी इस कनून को लेकर राहुल गाँधी अंबानी, अडानी और भाजपा की मिलीभगत होने के आरोप लगा चुके हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर इस मुद्दे पर ट्वीट किया है। राहुल गाँधी ने लिखा है कि ‘अदानी-अंबानी कृषि क़ानून’ रद्द करने होंगे। और कुछ भी मंज़ूर नहीं!
गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी कई बार इन कृषि कानूनों को देश के पूंजीपतियों अडानी और अंबानी के फायदे के लिए बनाए गए कानून करार दिया था।
बीते दिन राहुल गांधी ने एनडीटीवी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देश भर के किसानों को अंधेरे कुएं में धकेल दिया है। सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ हमें देश के अन्नदाता के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
बता दें, मोदी सरकार और किसानों के बीच बातचीत के जरिए कोई हल नहीं निकल रहा है। किसानों ने साफ कह दिया है कि इसी कड़ी में किसानों ने एक बार फिर से 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।
किसानों द्वारा देश में कई जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के उद्योगपतियों अडानी और अंबानी के पुतले भी फूंके जा रहे हैं।
देश के विपक्षी दलों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों ने भी किसान संगठनों के साथ मिलकर इस भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया है।