दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के चलते हरियाणा की खट्टर सरकार पर खतरे की तलवार लटक रही है।

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, किसानों पर जिस तरह से खट्टर सरकार ने क्रूर कार्रवाई की है। उसके परिमाण उनके लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

खबर के मुताबिक, हरियाणा में खट्टर सरकार की सहयोगी पार्टी जजपा ने भी विरोधी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।

पार्टी के कई विधायक किसानों के समर्थन में आगे आ रहे हैं। जबकि राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला ने अभी भी चुप्पी साधी हुई है।

वहीँ दुष्यंत चौटाला के पिता और जजपा अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने इस पर कहा है कि मोदी सरकार को कृषि कानूनों में एमएसपी को शामिल करने पर विचार करना चाहिए।

बताया जा रहा है कि जजपा के नेताओं को द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन दिए जाने के बाद राज्य में भाजपा की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।

किसानों का समर्थन कर रहे जजपा विधायकों का कहना है कि वे चाहते हैं कि मोदी सरकार किसानों द्वारा उठाई जा रही मांगों को सुने और जल्द से जल्द उनकी समस्या को सुलझाएं।

गौरतलब है कि इससे पहले किसान आंदोलन को आम आदमी पार्टी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, वाम दल, शिरोमणि अकाली दल, बसपा और RJD का समर्थन मिल चुका है। अब जजपा भी किसानों का साथ दे रही है।

आपको बता दें कि दिल्ली में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को 12 दिन हो गए हैं। इस दौरान किसानों और मोदी सरकार के बीच कई बैठकें भी हुई है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है।

इसी कड़ी में 8 दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया है।

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