फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का अविष्कार करने वाले साइंटिस्ट मुर्तजा अली ने पुलवामा हमले में शहीद के परिवार वालों को 110 करोड़ रुपये मदद की पेशकश की है। मुर्तजा जन्म से नेत्रहीन हैं। कुछ फीसद ही उनकी आंखें काम करती है। कोटा के कॉमर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद अपने पुश्तैनी ऑटो मोबाइल के बिजनेस में थे।

मगर एक घटना ने उनकी जिंदगी बदल दी। मुर्तज़ा एक बार जयपुर गए हुए थे जहां एक पेट्रोल पंप पर जब वे पेट्रोल लेने पहुंचे तो उसी दौरान एक युवक ने मोबाइल रिसीव किया जिसके कारण आग लग गई।

इसका कारण जानने के लिए उन्होंने स्टडी शुरू की जिसके बाद उन्होंने फ़्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का आविष्कार किया।

पुलवामा हमले में शहादत भी ‘सेना’ ने दी थी और बदला भी सेना ही ले रही है, किसी राजनीतिक पार्टी को इसका श्रेय ना दें

इस टेक्नोलॉजी के जरिए जीपीएस, कैमरा या अन्य किसी उपकरण के बगैर ही किसी भी वाहन को ट्रेस किया जा सकता है। इसी आविष्कार को एक कंपनी से करार से उन्हें जो रकम मिली है अब मुर्तजा उसे देश के शहीद परिवारों को समर्पित करना चाहते है।

जिसके लिए उन्होंने पहले पीएमओ को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात करने का वक़्त माँगा है।

कागज़ी कार्रवाई पूरी हो चुकी है, और वो जल्द ही पीएम मोदी से मिलेंगें। पुलवामा के शहीदों को यह व्यक्तिगत तौर पर सबसे बड़ी मदद है। मुर्तजा यह राशि अपनी टैक्सेबल आय से देंगे।

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