वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में देश का आम बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने निजीकरण पर काफ़ी ज़ोर दिया। अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने कई सरकारी कंपनियों, बैंकों और संपत्तियों को बेचने की घोषणा की।

सरकारी संपत्तियों को बेचने की घोषणा को लेकर केंद्र सरकार विपक्षी दल के नेताओं के निशाने पर आ गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने बजट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज़ोरदार कटाक्ष किया है।

उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “मनमोहन सिंह जी के बाथरूम में झांकने की बजाय उनसे अर्थतंत्र की समझ ली होती तो आज देश बर्बाद ना हुआ होता”।

 

दरअसल, नोटबंदी के बाद जब मनमोहन सिंह केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर थे तब पीएम मोदी ने उनपर पलटवार करते हुए तंज़ कसा था।

उन्होंने कहा था कि 35 वर्षों तक देश के आर्थिक पदिदृश्य के केंद्र में रहने वाले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में इतना सब कुछ हुआ लेकिन उनके ऊपर कोई दाग तक नहीं लगा। ‘बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला डा. साहब’ ही जानते हैं और कोई नहीं जानता।

शंकर सिंह वाघेला के अलावा कांग्रेस के और भी बड़े नेताओं ने बजट को लेकर सरकार पर हमला बोला है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो इस बजट को देश को बेचने की स्कीम तक कह दिया है।

कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “70 साल में जनता की गाढ़ी कमाई से देश ने जो संस्थान बनाए थे, सब बिक रहे हैं।

सरकारी कंपनियां बेचेंगे, सरकारी बैंक बेचेंगे, बीमा कंपनियां बेचेंगे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, बिजली प्राइवेट हाथों को देंगे और गैस भी प्राइवेट कंपनियों के पास चली जाएगी। यह बजट है या देश को बेचने की स्कीम?”

बता दें कि सरकार ने बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है। सरकार को उम्मीद है कि इसके ज़रिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। जिसका इस्तेमाल सरकारी योजनाओं में किया जाएगा।

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