फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने ज़मानत दे दी है। मनदीप को कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके पर ज़मानत दी है।

मनदीप को पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से तब गिरफ्तार किया था जब वह किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रहे थे।

मनदीप को बेल देते हुए कोर्ट ने कहा कि ज़मानत एक नियम है जबकि जेल एक अपवाद है। ज़मानत मिलने के बाद मनदीप आज शाम या कल तक रिहा हो सकते हैं।

मनदीप पर ऑन ड्यूटी स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) से दुर्व्यवहार करने का आरोप है। पूनिया पर आईपीसी की धारा 186, 332, 353 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मनदीप ने स्वयं को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। गिरफ्तार किए जाने से पहले मनदीप ने इस बात का ख़ुलासा किया था कि किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे वो बीजेपी से जुड़े हुए थे।

दरअसल, कुछ दिनों पहले सिंघु बॉर्डर पर आंदोनल कर रहे किसानों पर पत्थरबाज़ी की गई थी। जिन लोगों ने पत्थरबाज़ी की थी उन लोगों को स्थानीय नागरिक बताया जा रहा था। लेकिन मनदीप ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि ये लोग बीजेपी से जुड़े हुए हैं।

मनदीप की गिरफ्तारी पर देशभर के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई थी साथ ही उन्हें रिहा किए जाने की मांग की थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेंस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मनदीप की गिरफ्तारी का विरोध किया था।

पति को ज़मानत मिलने पर मनदीप की पत्‍नी लीना ने कहा, “खुश हूं, इस बात से संतुष्‍ट हूं कि वे जल्‍दी बाहर आ जाएंगे। मैं खुद को खुशखकिस्‍मत समझती हूं कि बड़ी संख्‍या में लोगों ने मनदीप के पक्ष में आवाज उठाई”।

वहीं मनदीप पुनिया को जमानत मिलने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज कसा है।

उन्होंने लिखा- “मनदीप पुनिया को “ज़मानत” मिल गयी,अब क्या करोगे, ED CBI NCB किसी का भी सदुपयोग कर लो,अभी तो बड़े बड़े “हथकंडे”
हैं तुम्हारे पास.”

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