देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों की वजह से मोदी सरकार बीते कई दिनों से विपक्षी दलों के निशाने पर लगातार बनी हुई है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री संजय राउत ने बीते दिनों बढ़ रही महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे।

अब पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के बीच महाराष्ट्र में शिवसेना ने मोदी सरकार का घेराव और भी तेज कर दिया है।

खबर के मुताबिक, शिवसेना ने मुंबई के बांद्रा इलाके में इस संदर्भ में कुछ पोस्टर लगाए हैं। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया है कि क्या यही अच्छे दिन है?

पोस्टर में साल 2015 और साल 2020 के गैस पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तुलना की गई है।

दरअसल साल 2015 में पेट्रोल के दाम जहां 64.60 रुपये बताए गए हैं। जोकि साल 2021 में यह 96.62 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

इसके अलावा रसोई गैस सिलेंडर की कीमत भी बढ़ाई गई है। जहां 2015 में गैस सिलेंडर की कीमत 572 रुपए थी। वहीं अब बढ़कर 791 रुपए हो चुकी है।

इस वक्त बढ़ रही महंगाई के चलते मोदी सरकार चौरतरफा घिर चुकी है। जहाँ भाजपा को एक तरफ विपक्षी दलों के सवालों और आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। वहीँ सोशल मीडिया पर आम जनता ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।

वहीं कई राज्यों में विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पेट्रोल डीजल और गैस सिलेंडरों की कीमती में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि मोदी सरकार के शासनकाल में महंगाई बढ़ने के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

सरकार महंगाई को कंट्रोल करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। लोगों द्वारा भी अब यह बात कही जा रही है कि यह सरकार सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों के लिए ही काम कर रही है।

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