बुलंदशहर के स्याना गांव में हुई हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद सूबे की बीजेपी सरकार जहां विपक्ष के निशाने पर है वहीं बीजेपी के सहयोगी भी इसे लोकसभा चुनावों से पहले ध्रुविकरण के लिए की गई पूर्व नियोजित साज़िश बता रहे हैं।

महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने पूछा है कि क्या यह 2019 चुनावों से पहले धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश है? शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा, “अब 2019 के लोकसभा चुनाव के नगाड़े बजने लगे हैं।

यह चुनाव हमारे लिए आसान नहीं, ये बात सत्ताधारी बीजेपी की समझ में आ गई है। इसी वजह से हमेशा वाला धार्मिक ध्रुवीकरण का हथियार इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा!”

सामना ने आगे लिखा, “दिल्ली में सत्ता की चाभी 80 सीटों वाले उत्तरप्रदेश से होकर जाती है, लेकिन 2014 के 71 सीटों वाले रिकॉर्ड को दुहराना मुश्किल है। ऊपर से सारे विरोधी एक हो गए हैं।

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इसलिए गो हत्या का संशय पिशाच लोगों की गर्दन पर बैठाकर धार्मिक उन्माद और वोटों के ध्रुवीकरण का रक्त रंजित पैटर्न फिर से चलाने की कोशिश शुरू है क्या? आखिर सवाल उत्तर प्रदेश की 80 सीटों का है”।

सामना ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “गो-मांस और गो-हत्या जैसे मुद्दे गोवा, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भी हैं। मगर उन राज्यों में कभी उत्पात नहीं मचा या मॉब लिंचिंग जैसा मामला नहीं हुआ क्योंकि उन राज्यों में लोकसभा की इक्का-दुक्का सीटें हैं”।

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बता दें कि बुलंदशहर की स्याना तहसील में सोमवार की सुबह कथित गोवंश हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ की पुलिस से हिंसक भिड़ंत हो गई थी।

इसमें भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी थी और पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है।

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