बुलंदशहर हिंसा मामले में अब नए ख़ुलासे सामने आ रहे हैं। जिस कथित गोकशी को लेकर हिंसा भड़की, उससे जुड़ी FIR में सात में से छह नाम बोगस निकले हैं। इस FIR में दो नाबालिगों के नाम हैं तो तीन ऐसे लोगों के नाम हैं जो गांव के हैं ही नहीं।

एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक, जिन सात लोगों के खिलाफ नामज़द FIR लिखी गई है, उन्हें नयाबांस गांव का बताया गया है। लेकिन एनडीटीवी की पड़ताल में पता चला कि इनमें से तीन नाम तो ऐसे हैं जिनका गांव से कोई तालुक ही नहीं। FIR में दर्ज सुदैफ, इलियास और परवेज नयाबांस गांव के रहने वाले नहीं हैं, न तो इनका यहां घर और न ही जमीन, गांव वालों ने भी इनका नाम पहले नहीं सुना।

बचे चार नामों में दो नाबालिगों के नाम हैं, जिनकी उम्र 11 और 12 साल बताई जा रही है। इसमें एक नाम शराफत का भी है, जो पिछले दस सालों से फरीदाबाद में रहते हैं और कई सालों से गांव नहीं आए। इस FIR में सिर्फ सर्फुद्दीन ही ऐसा नाम है जो इस गांव में रहते हैं।

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सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इन सभी के खिलाफ़ योगेश राज ने नामज़द FIR दर्ज कराई है, जो खुद हिंसा भड़काने और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का मुख्य आरोपी है।

योगेश बजरंग दल का ज़िला संयोजक है। योगेश को पुलिस ने ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का मुख्य आरोपी बनाया है। आरोपी बनाए जाने के बाद से योगेश फरार है।

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बता दें कि बुलंदशहर की स्याना तहसील में सोमवार की सुबह कथित गोवंश हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ की पुलिस से हिंसक भिड़ंत हो गई थी।

इसमें भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या कर दी थी और पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। जिसके बाद दो FIR दर्ज की गई थी। एक गोकशी के मामले में तो दूसरी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के मामले में।

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