सूप्रीम कोर्ट ने सोमवार सुबह भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अवमानना ​​मामले में चार महीने की जेल और 2000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

दरअसल, माल्या पर किंगफिशर एयरलाइन से जुड़े 9,000 करोड़ रुपए के बैंक लोन लेकर फरार होने का आरोप है।

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि विजय माल्या को विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर (करीब 317 करोड़ रुपए) को 8% ब्याज के साथ 4 हफ्ते में चुकाने होंगे।

जानकारी के मुताबिक, माल्या ने घोटाले की इस रकम को विदेश में रह रहे अपने बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था। चार सप्ताह में यदि विजय माल्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनकी सारी संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने अपने फैसले में आगे कहा, “सजा जरूरी है क्योंकि माल्या को कोई पछतावा नहीं हैं।”

आपको बता दें कि माल्या के ऊपर कोर्ट को गलत जानकारी देने और पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर अवमानना को और आगे बढ़ाने का भी आरोप है।

हालांकि, इतने आरोपों के बाद भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए इस फैसले से लोगों में गुस्सा है और इसी के चलते देश में मिलते न्याय के प्रति कई सवाल भी खड़े हो गए हैं।

इस मुद्दे पर अपनी आलोचना व्यक्त करते हुए RLD नेता प्रशांत कनोजिया ट्वीट करते हुए लिखते है, “कैसे भरेगा इतनी भारी रकम वो? कृपया SBI इस गरीब आदमी को तत्काल लोन दें ताकि वो इस पहाड़ जैसी रकम अदा कर सके।”

इस ट्वीट के जवाब में कई लोगों ने मध्यप्रदेश में हाल ही हुई एक घटना को सामने रखा, जिसमें एम्ब्युलेन्स द्वारा मुरैना जिले के एक परिवार के बच्चे के शव को ले जाने के लिए 15,000 रुपयों की मांग की गई।

इसी के साथ ट्विटर यूज़र Rofl Gandhi लिखते है “इतना बड़ा अमाउंट एकदम से कैसे अरैंज करेगा विजु। SBI आप ही भर दो, फाइनल अमाउंट में एडजस्ट कर लेना।”

इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने तंज़ भरे अंदाज़ में लिखा- सुप्रीम कोर्ट ने आज विजय माल्या, पुत्र पंडित विट्ठल माल्या पर ₹2000 का जुर्माना लगाया है। इस गरीब ब्राह्मण को सब परेशान कर रहे हैं। मैं कड़ी निंदा करता हूँ। #Casteist_Collegium

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