मोदी राज में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी चिंता का विषय बनती जा रही है। नई नौकरियां दे पाने में नाकाम सरकार अब पहले से काम कर रहे लोगों के रोजगार को बचाने में भी फेल होती दिखाई दे रही है।

CMIE के आंकड़े बताते हैं कि जून महीने में 1.3 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है। अब पूरे देश में काम करने वाले लोगों की यानी श्रमबल की संख्या 39 करोड़ रह गई है जबकि कुछ दिन पहले तक ये संख्या 40 करोड़ से ज्यादा थी।

बेरोजगारी के इस हालात और सरकार की नाकामी पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने इन्हीं आंकड़ों को ट्वीट करते हुए लिखा –

आंकड़ें जो डराते हैं:

देश में बेरोजगारी दर – 7.80%
हरियाणा – 30.6%
राजस्थान – 29.8%
असम -17.2%
जम्मू-कश्मीर -17.2%
बिहार -14%

1.3 करोड़ लोगों की नौकरियां गई।

करोड़ों खेतिहर मजदूरों और श्रमिकों के पास कोई रोजगार नहीं। क्या इन आंकड़ों के साथ हम देश के विकास की गाथा लिखेंगे?”

 

आपको बता दें कि सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत में बेरोजगारी दर मई, 2022 में 6.62% से बढ़कर जून, 2022 में 8.03% हो गई।

वहीँ पिछले महीने मई, 2022 में 8.21% से घटकर बेरोज़गारी दर शहर में जून, 2022 में 7.30% तक देखने को मिली।

सीएमआईई की मानें तो कोरोना महामारी के शुरुआत के बाद से देश में लगभग 8. 8 मिलियन लोगों को इस साल अप्रैल के महीने में रोज़गार मिला हालाकिं बेरोज़गारों की मांग की तुलना में ये कम ही है।

शायद इन्हीं वजहों से मोदी सरकार का चौतरफा घेराव हो रहा है। विपक्ष के नेता तो उनसे सवाल कर ही रहे हैं खुद भाजपा के नेता भी अब सवाल करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वरुण गांधी का ये ट्वीट इसी बात का उदाहरण पेश करता है।

दरअसल भाजपा सांसद वरुण गांधी पिछले लंबे वक़्त से अपने ही पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए नज़र आ रहे हैं। मौका पाते ही सरकार की तमाम कमियां गिना रहे हैं।

देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार अपने सांसद या आम जनता की बात सुनती है या नहीं, इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।

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