उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से चार किसानों समेत 8 लोगों को कुचल कर मारने की घटना ने राज्य के सिख समुदाय को चर्चा में ला दिया है।

इस घटना में मारे गए किसान नछत्तर सिंह, लवप्रीत सिंह, दिलजीत सिंह और गुरविंदर सिंह सभी का ताल्लुक सिख समुदाय से था।

अब बीजेपी के नेता अजय मिश्रा खुद को और अपने बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के लिए किसान आंदोलन में सिखों की भागीदारी को ख़ालिस्तानी संगठनों से जोड़ रहे है।

इन सभी आरोपों पर नछत्तर सिंह के छोटे बेटे मनदीप सिंह, जो एसएसबी में सैनिक है, उन्होंने कहा है कि यह पहली बार था जब मेरे पिता ने किसान आंदोलन में भाग लिया।

उन्होंने पिता को आतंकवादी कहने पर कहा, “यह मेरे पिता का सपना था कि मैं सेना में शामिल हो और भारत के लिए लड़ूं। अब इतनी आसानी से वे उन्हें आतंकवादी कहते हैं” – उनका बेटा जो हाल ही में सेना में भर्ती हुआ था”।

इसके साथ ही उन्होने कहा कि उनके पिता मरे नहीं थी, बल्कि शहीद हुए हैं।

गौरतलब है कि इस घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उनके साथियों के ख़िलाफ गाड़ी से किसानों को कुचलने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज हुई है,

वहीं मंत्री अजय मिश्रा किसान आंदोलन में सिखों की भागीदारी को ख़ालिस्तानी संगठनों से जोड़ रहे हैं।

अब सोशल मीडिया पर यह भी इसकी बहुत चर्चा हो रही है कि क्या ये सिख ख़ालिस्तानी आंदोलन के उदय के दौरान यूपी में आकर बसे थे।

सिख किसानों का नाम अब खालिस्तान संगठन से जोड़कर उन पर तरह- तरह के आरोप लगाए जा रहे है।

वहीं लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे।

उनके अलावा अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी मृत किसानों के परिजनों से संवेदना व्यक्त की और केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

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