सुप्रीम कोर्ट ने जय शाह और सौरभ गांगुली को बीसीसीआई के पद पर बने रहने की मंजूरी दे दी है। भारतीय सर्वोच्च न्यायलय ने बीसीसीआई को संविधान संशोधन की मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब शाह और गांगुली 6 सालों तक अपने पद पर बने रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और जय शाह को सचिव पद के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दे दी। अब इस फैसले के बाद बीसीसीआई में किसी पद पर कोई दो टर्म यानी 6 साल तक पद पर बना रह सकता है।

इसे बोर्ड के संविधान में ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत कोई भी सिर्फ 3 साल तक ही बीसीसीआई के पद पर रह सकता था।

अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोग राजनितिक तौर पर भी आलोचनाएं कर रहे हैं। दरअसल बीसीसीआई सचिव जय शाह भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह के बेटे हैं।

जिन्हे तीन साल पहले बीसीसीआई के सचिव पद पर बैठाया गया था। उस वक़्त भी लोगों ने काफी आलोचनाएं की थी और कहा था की अमित शाह के बेटे होने की वजह से जय शाह को बीसीसीआई का सचिव बनाया गया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आये इस बीसीसीआई संविधान संशोधन फैसले से पहले 2018 में लोढ़ा कमेटी द्वारा कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर सिफारिश की थी।

जिसके मुताबिक़ पहले स्टेट बोर्ड में किसी पद पर कोई तीन साल उसके बाद तीन साल बीसीसीआई बोर्ड अपने पद पर रह सकता था।

अब सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के बाद कोई भी पदाधिकारी तीन साल स्टेट और 6 साल बोर्ड में किसी भी पद पर रह सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here