वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती के आदेश को वापस लेने का फैसला लिया है।

आज इस संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर के जरिए जानकारी देते हुए घोषणा की है कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें वही रहेंगी। जो वित्त वर्ष 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं। पुराने आदेश वापस ले लिए जाएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या रातों-रात सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने का फैसला वापस लिया जाना महज एक चूक है? या फिर चुनावी माहौल को देखते हुए ऐसा किया गया है।

इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला कहते हैं वित्तमंत्री मैडम आप सरकार चला रही हैं या सर्कस?

इसके साथ ही वह अपने इसी ट्वीट में कहते हैं कि आपके पास कोई नैतिक शक्ति नहीं है कि वित्त मंत्री के रूप में बनी रहे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों को झटका देते हुए लोक भविष्य निधि और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 फीसदी तक की कटौती की थी। लेकिन अब इस फैसले को वापिस ले लिया गया है।

कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर कटाक्ष किया है।

विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी सरकार ने देश में बने हुए चुनावी माहौल के चलते इस फैसले को वापिस लिया है। आखिरकार मोदी सरकार को मुंह की खानी पड़ी।

गौरतलब है कि छोटी बचत योजनाएं देश के गरीब तबके और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी अहम् मानी जाती है।

दरअसल ऐसे लोग ही सरकार की इन छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं। जब मोदी सरकार ने छोटी बचत योजनाओं में ब्याज दर कम करने का फैसला सुनाया था।

तो समाज के इस तबके में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी। जिसका नतीजा भाजपा को देश में हो रहे विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।

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