पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जिस तरह से प्रचंड जीत हुई है। उसे देखकर भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दल भी स्तब्ध हो गए थे।
इस जीत के बाद पश्चिम बंगाल में नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हुआ था। जिसके चलते भाजपा के कई दिग्गज नेता घर वापसी कर चुके हैं।
कई भाजपा नेताओं द्वारा इच्छा जाहिर की जा रही है कि तृणमूल कांग्रेस में वापस आना चाहते हैं।
इसी बीच खबर सामने आई है कि कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने भी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले सुष्मिता देव ने 15 अगस्त को कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। 16 अगस्त को उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद सुष्मिता देव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने उन्हें सांसद के तौर पर, ऑल इंडिया महिला कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर बहुत मौके दिए हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि सोनिया गांधी मुझे माफ कर देंगी।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सर लीडरशिप के साथ मुझे किसी भी तरह का कोई गिला शिकवा नहीं है। अगर दोस्त लोग अपने रास्ते अलग करते हैं इसका हमेशा कारण गुस्सा या नाराजगी नहीं होता।
मैंने जब सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। तो उनके प्रति लिखित रूप में अपना आभार व्यक्त किया। मैं समझती हूं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के सिद्धांतों में कोई टकराव नहीं है।
सुष्मिता देव का कहना है कि मैंने कभी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया। तृणमूल कांग्रेस को भी मैंने बिना किसी शर्त के ज्वाइन किया है।
पहले मैंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में काम किया। अब मैं ममता बनर्जी के नेतृत्व में काम करने जा रही हूं।