पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है।

इसी कड़ी में आज लोकसभा सदन में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने देश के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर कई गंभीर आरोप लगाए।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने की सदन में देश की न्यायपालिका का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकाल में अब न्यायपालिका पवित्र नहीं रह गई है। यह उस दिन ही अपवित्र हो गई थी।

जब एक सीजेआई ने खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों से खुद को आरोप मुक्त कर दिया और राज्यसभा का ऑफर स्वीकार कर लिया। जिन्होंने अब ज़ेड प्लस सिक्योरिटी सुरक्षा हासिल कर ली है।

बता दें कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। जोकि उनकी रिटायरमेंट से पहले बतौर सीजेआई सुप्रीम कोर्ट में किसी केस पर आखिरी फैसला था।

रिटायरमेंट के तीन महीने बाद मोदी सरकार द्वारा उन्हें राज्यसभा में सीट दी गई है।

इसके साथ-साथ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मोदी सरकार पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में आकर न्यायपालिका की फैसले ले चुकी है। इस सरकार ने दुष्प्रचार और गलत सूचना फैलाने का काम किया है।

कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि सरकार जब यह कानून लाई थी तो विपक्षी दलों और किसान संगठनों द्वारा इसे किसान विरोधी बताया गया था।

इन कानूनों को बिना आम सहमति और बिना समीक्षा के लाया गया है। मैं केंद्र सरकार से यह पूछना चाहती हूं कि क्या देश का लोकतंत्र इस तरह से चलेगा ?

आपको बता दें कि लोकसभा में टीएमसी सांसद द्वारा पूर्व सीजेआई और केंद्र सरकार पर की गई टिप्पणियों को अपमानजनक बताते हुए सभापति एन के प्रेमचंद्र ने उन्हें कई बीच में रोक दिया। इस पर भाजपा के कई नेताओं ने भी आपत्ति जताई है।

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