दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण जानलेवा हो रहा है, 3 से लेकर 4 करोड़ लोगों की जान पर बन आई है। लेकिन देश के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर गाना सुनने की सलाह दे रहे हैं तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन गाजर खाने की सलाह दे डाली। वहीं, नीति आयोग के उपाध्याय अमिताभ कांत दिल्ली को छोड़कर केरल में बसने की तैयारी कर रहे हैं! लेकिन दिल्ली और एनसीआर के पर्यावरण पर तीनों में से किसी ने कुछ भी नहीं नहीं बोला।
अमिताभ कांत निति आयोग के उपाध्याय हैं, जो देश के लिए योजनाएं बनाते हैं। लेकिन रविवार को जब दिल्ली के लोगों का प्रदूषण से दम घूंट रहा था तब कांत ने ट्वीट करके केरल में बसने की इच्छा जाहिर कर दी।
हफ्ते भर से चादर तानकर सोने वाली मोदी सरकार के मंत्री कह रहे हैं ‘गाजर खाएं, प्रदूषण भगाएं’
उन्होंने लिखा कि, “दिल्ली की हलचल से दूर देवों की धरती पर, जहां मैं रहा हूं, काम किया है और राज्य के लोगों की सेवा की है। मैं अपनी जिंदगी में यहीं बसना चाहूंगा।” लेकिन अमिताभ कांत जिस दिल्ली में निति योग के उपाध्याय बनकर काम कर रहे हैं वहां की उन्हें कोई चिंता नहीं है।
Away from the hustle, bustle of Delhi in God’s Own Country where I have lived, worked and served the people of the State. This is where I will settle down in life. #Kerala #pollutionkills pic.twitter.com/TuJDptEDJo
— Amitabh Kant (@amitabhk87) November 3, 2019
अमिताभ कांत के इस ट्वीट पर लोगों गुस्सा फूट पड़ा। ट्वीटर पर के यूजर केशव ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि, “हम तो फ़कीर आदमी हैं जी, झोला उठाकर चल देंगे।”
अनुवाद: हम तो फकीर आदमी हैं जी, झोला उठाकर चल देंगे।
— Keshava (@Kumar_Ke5hav) November 3, 2019
पत्रकार निखिल कुमार ने कहा कि, “निति आयोग में रहते हुए आप ये सुकून, शांति और साफ़ पर्यावरण देश की राजधानी के लिए भी तलाश सकते थे। पर देश की राजधानी और पड़ोसी राज्य जन सांसों के संकट में उलझे हैं तो निति आयोग अध्यक्ष प्रदूषण रहित केरल की तस्वीरें दिखा कर अपना रिटायरमेंट प्लान बता रहे हैं देश को।”
#pollutionkills @NITIAayog में रहते हुए आप ये सुकून, शांति और साफ पर्यावरण देश की राजधानी के लिए भी तलाश सकते थे। पर देश की राजधानी और पड़ोसी राज्य जब साँसों के संकट में उलझे हैं तो @ceo_nitiaayog प्रदूषण रहित केरला की तस्वीरें दिखा कर अपना रिटायरमेन्ट प्लान बता रहे हैं देश को https://t.co/txLTRCqpiM
— निखिल कुमार दुबे (@nikhildubei) November 4, 2019
आज दिल्ली बर्बाद करके केरल भाग गए,
कल को देश बर्बाद करके अमरीका भाग जाओगे#DelhiAirEmergency #DelhiAirQuality #JaiBhimTwitter— Bran (@branbaba) November 3, 2019
बता दें कि मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट करके कहा कि, “गाजर खाने से शरीर को विटामिन ए, पोटेशियम ए और एंटऑक्सिडेंट मिलते हैं जो रतौंधी से बचाते हैं। भारत में ये बीमारी आमतौर पर बड़ी संख्या में देखने को मिलती है। गाजर प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से भी लड़ने में मदद करता है।” वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीटर पर लिखा कि, “अपने दिन की शुरुआत संगीत से करें दी।
दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने ये सलाह उस दिन दी है जिस दिन दिल्ली के इतिहास में सबसे ज्यादा प्रदूषण था। लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए थे, प्रदूषण की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लोग मास्क लगाकर घर से बाहर निकल रहे हैं। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण करने की बजाय हर्षवर्धन और जावडेकर गाजर खाने और संगीत सुनने की सलाह दे रहे हैं!
बता दें कि, में प्रदूषण जानलेवा हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में रविवार को प्रदूषण का स्तर तीन साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। शाम सात बजे AQI 490 था जो बहुत ही गंभीर श्रेणी में आता है।
हर्षवर्धन के ट्वीट पर पत्रकार पंकज झा ने कहा कि, “बढ़ते प्रदूषण से बेहाल लोगों के लिए स्वास्थ्य मंत्री जी का फ़ॉर्मूला आ गया है। गाजर खाएं, प्रदूषण भगाएं। हफ्ते भर से लोग नरक की जिंदगी जी रहे हैं और सरकार चादर तान कर सो रही है।”